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किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा

 भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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हर पंचायत समिति होगी हाईटेक

राजस्थान की हर पंचायत समिति मुख्यालय को आईटी केंद्र बनाकर हाईटेक किया जाएगा। इनमें राजीव गांधी सेवा केंद्र स्थापित होंगे। राज्य सरकार इनके लिए दस करोड़ रुपए खर्च करेंगी। पंचायत समिति में बनने वाले एक केंद्र की लागत 26 लाख रुपये आएगी। जिसमें छह लाख रुपये पांच वर्षो के लिए फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विस की लागत भी शामिल है। इस योजना की वर्तमान कुल लागत 6162 लाख रुपये है, जिसमें से 1245 लाख रुपये पिछड़ा क्षेत्र...

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सांसद निधि फंसी है कई अजूबों और पेंच में

पटना राज्य के ज्यादातर सांसदों ने अपने कर्तव्यों की केंचुल उतार लोकहित की अपनी जिम्मेदारियां स्थानीय प्रशासन के जिम्मे छोड़ दी है। लिहाजा कहीं सांसद निधि की राशि विमुक्त न हो सकी, तो कहीं जमीन पर उसका कोई उपयोग नदारद है। लगता है कि पहले की तरह वायदों को जमीन पर उतारने की नहीं , कुछ और वायदे करते जाना, सांसदों का राजनीतिक शगल हो गया है। जनता यह खेल देखते रहने को अभिशप्त है।...

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पानी का पैसा पानी में

भोपाल. प्रदेश सरकार ने जलसंकट से निपटने के लिए बीते एक दशक में कई योजनाएं चलाईं, खूब ढिंढोरा भी पीटा.. अरबों रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन नतीजा शून्य। जलसंकट कम होने के बजाय दिनोदिन गहराता जा रहा है। पानी पाताल में पहुंच चुका है। ये हालात एक-दो जिलों के नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के हैं। दूसरी ओर विभागीय मंत्री ये मानने को तैयार नहीं कि योजनाएं फ्लाप हो गईं।...

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