बीते सात वर्षों में जिन किसानों ने खेती छोड़कर वैकल्पिक रोजगार अपना लिया था, आगामी कुछ महीनों में उनमें से डेढ़ करोड़ किसानों के थक-हारकर अपने गांव लौट आने की संभावना है। सामान्य स्थितियों में इतने बड़े स्तर पर किसानों के शहरों से गांव लौटने को समावेशी विकास का संकेत माना जाता। लेकिन अर्थशास्त्री इस यू-टर्न को आर्थिक मंदी का नतीजा बता रहे हैं। क्रिसिल ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे...
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मनरेगा पर ज्यादा सरकारी धन खर्च
मनरेगा देश की सबसे बड़ी योजना है, जिस पर केंद्र सरकार 40-42 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च करती है. इसके मकसद के बारे में सभी जानते हैं. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक कानून है, जो शासन को इस बात के लिए बाध्य करता है कि वह किसी भी ग्रामीण परिवार के वैसे सदस्यों को एक साल में सौ दिन का रोजगार मुहैया कराये, जो 18 साल...
More »छाता कारखाना के श्रमिकों की बेहाल दशा
कोलकाता : राज्य में छाता कारखाना श्रमिकों की बदहाल दशा व पीएफ भुगतान में गड़बड़ी के खिलाफ कोलकाता छाता कारखाना वेलफेयर यूनियन (एटक) ने क्षेत्रीय पीएफ कार्यालय के घेराव की धमकी दी है. महानगर में 47 छाता कारखाने हैं तथा इनमें लगभग 7000 श्रमिक स्थायी व अस्थायी रूप से काम करते हैं. छाता मालिकों पर श्रमिकों के पीएफ भुगतान व वेतनमान को लेकर लगातार आरोप लगते रहे हैं. कोलकाता छाता कारखाना...
More »पेंशन नहीं मिलने के कारण दुखी था, मौत को गले लगाया
कोलकाता: पेंशन और भविष्य निधि की रकम न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे दमदम जेसप कारखाने के एक सेवानिवृत कर्मचारी ने रविवार रात अपने कमरे में फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली. मृतक का नाम गोपाल क्षेत्रीय 60 बताया गया है. वह दमदम एक्जूलियम कनवेंट के नजदीक किराये के मकान में रहता था. दमदम थाना की पुलिस ने सोमवार सुबह सूचना पाकर कमरे से उसका शव बरामद किया. पुलिस...
More »गन्ने की कीमत से आगे- अपूर्वानंद
जनसत्ता 10 दिसंबर, 2013 : उत्तर प्रदेश से अब गन्ना उगाने वाले किसानों के मिल मालिकों से संघर्ष की खबरें आ रही हैं। यह संघर्ष जोरदार है। और एक तरह से इसे सफल जन संघर्ष कहा जा सकता है। इसने मुजफ्फरनगर की तीन महीने से चली आ रही हिंसा की खबरों को पीछे धकेल दिया है। कम से कम हिंदी अखबारों में। इस आंदोलन में भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के लोग...
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