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यूपी में 44 जिले सूखाग्रस्त घोषित, केंद्र सरकार से मांगा विशेष पैकेज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 44 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया है. इन जिलों में वर्तमान मानूसन के दौरान सामान्य वर्षा के सापेक्ष मात्र 50 फीसदी से कम बारिश हुई है. सूखाग्रस्त घोषित जिलो में प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से यह फैसला भी लिया कि 31 मार्च 2015 तक इनके अवशेष मुख्य राजस्व देयों (भू-राजस्व एवं सिचाई) की वसूली स्थगित रहेगी. इस...

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चीनी मिलें समय से न चलीं तो बर्बाद हो जाएंगे गन्ना किसान

गोरखपुर-बस्ती मंडल के गन्ना किसान इस बार दोहरे संकट में हैं। मिलों के चलने को लेकर ऊहापोह के बीच सूखे के हालात में फसल बचाए रखने की चुनौती भी है। मिलें समय से (नवंबर अंतिम सप्ताह) न चलीं तो किसान बर्बाद हो जाएंगे। आमतौर पर मिलों के चलने के चार महीने पहले से ही गन्ने की सिंचाई की जरूरत नहीं रहती थी। लेकिन जून से लेकर अब तक अच्छी बारिश नहीं...

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बजर पड़े तो बजरा बोएं, आधुनिक तरीके से करें बाजरे की खेती- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी

बाजरा अथवा पर्लमीलेट (पेनीसेटम टाईफ्वायडस एल) एक महत्वपूर्ण मोटे अनाज वाली फसल है. इसकी खेती प्रागैतिहासिक काल से अफ्रीका एवं एशिया प्रायद्विप में होती रही है. तमाम मौसम संबंधित कठोर चुनौतियों का सामना खासकर सूखा को आसानी से सहने के कारण राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्रा, ओडीसा, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं अन्य सुखा ग्रस्त क्षेत्रों की यह महत्वपूर्ण फसल है. समस्त अनाजवाली फसलों में सूखा के प्रति सर्वाधिक प्रतिरोधक...

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बिहार-झारखंड धान उत्पादन के नये अगुवा

एक समय था जब भारत इतना भी गेहूं-चावल नहीं उगा पाता था कि अपने लोगों का पेट भर सके. लेकिन दौर बदला और 60 के दशक में आयी हरित क्र ांति से भारत के भंडार अनाज से भरने लगे. इस सफलता में अगर सबसे ज्यादा पसीना किसी का बहा, तो वो थे पंजाब और हरियाणा के किसान. उत्तर-पश्चिमी भारत के ये छोटे राज्य अपने मेहनतकश किसानों के बूते पूरे भारत...

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स्वास्थ्य केंद्रों में 85 प्रतिशत तक दवा की कमी

रांची : झारखंड की प्रधान महालेखाकार (पीएजी) मृदुला सप्रु ने बताया कि राज्य सरकार इंदिरा आवास योजना में केंद्र से 256.42 करोड़ रुपये नहीं ले सकी. राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 26 से 85 फीसदी तक दवा की कमी है. एएनएम और नर्से गांवों में ऐसी दवाएं बांट रही हैं, जिन्हें बांटने का उन्हें कानूनी अधिकार नहीं है. इस दवाओं से मरीजों की जिंदगी पर खतरा हो सकता है....

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