महाराष्ट्र के मेढ़ा गांव का उदाहरण बताता है कि स्वाभिमान और स्वावलंबन के साथ आजीविका का अवसर मिले तो नक्सलवाद से जूझते इलाकों में खुशहाली का नया अध्याय शुरू हो सकता है. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. महाराष्ट्र के गढ़चिरोली की सबसे बड़ी पहचान फिलहाल यही है कि यह नक्सल प्रभावित जिला है. आदिवासी और जंगल की बहुलता वाले इस जिले की धनौरा तहसील में एक गांव है मेढा. मेढा और लेखा...
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पिछड़े राज्य का दर्जा पाएंगे यूपी-बिहार
नई दिल्ली [नितिन प्रधान/जयप्रकाश रंजन]। पिछड़े राज्यों की नई परिभाषा गढ़ कर केंद्र सरकार ने एक नया राजनीतिक दांव चलने का मन बना लिया है। बहुत संभव है कि अगले कुछ हफ्तों के भीतर जब पिछड़े सूबों की नई परिभाषा तय की जाए तो उसमें बिहार केसाथ ही उत्तर प्रदेश तथा कुछ अन्य बड़े राज्य भी शामिल हो जाएं। पिछड़े राज्यों की नई परिभाषा तय करने के लिए गठित समिति ने शनिवार...
More »यहां सरकार नहीं समाज चलाता है स्कूलों को
अलगाववाद के कारण तबाह-परेशान देश के उत्तरपूर्वी राज्य नगालैंड ने स्कूली शिक्षा के मामले में देश को नयी राह दिखायी है. यहां सरकार ने राज्य के 15 सौ के करीब स्कूलों को समाज को सौंप दिया. इन स्कूलों का संचालन समाज ही करता है. वही शिक्षकों के कामकाज और मिड-डे मील की गुणवत्ता का निर्धारण करता है और स्कूल के बजट को अपने हाथों से खर्च करता है. इस प्रयोग...
More »आदिम जनजातियों पर ज्यादा फोकस
मिड डे मील योजना यह जाहिर है कि झारखंड की आदिम जनजातियों में शिक्षा की दर बेहद कम है. उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए यह जरूरी है कि उनमें शिक्षा का तेजी से और ज्यादा-से-ज्यादा प्रसार हो. इसलिए पहाड़िया आदिम जनजाति के छात्र-छात्रों के लिए विशेष मिड डे मील योजना चलायी जा रही है. झारखंड के कल्याण विभाग द्वारा यह योजना सभी पहाड़िया दिवा कालीन स्कूलों में चलायी...
More »भारत में 17 करोड़ से ज्यादा बच्चों का मुश्किल में जीवन
नई दिल्ली। सरकार अपने कुल खर्च का एक फीसद से भी कम बच्चों के संरक्षण पर खर्च करती है और देश में 17 करोड़ से ज्यादा बच्चे और किशोर कठिन परिस्थितियों में रहते हैं। यह बात गुरुवार को बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने कही। बाल श्रम विरोधी कार्यकर्ता शांता सिन्हा ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बाल एवं किशोर अधिकारों की रक्षा व उनको बढ़ावा देने की खातिर कानूनी और प्रशासनिक ढांचे...
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