ग्रेटर नोएडा। देश भले ही नारी सशक्तिकरण की बात कर रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के गृह जनपद में जनप्रतिनिधियों के रूप में चुनकर आई महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। गाव वालों ने महिलाओं को प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य व नगर पंचायत के अध्यक्ष के रूप में चुनकर प्रतिनिधि बना तो लिया, लेकिन ये महिलाएं घर व पर्दे से बाहर नहीं निकल सकीं। कोई इनसे बात करना चाहे तो पति...
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महाजनी प्रथा के खिलाफ महिलाओ का अनोखा बैंक
रांची। कल तक बेरोजगारी का दंश झेल रही कमला देवी आज एक दुकान चलाकर न केवल अपने बच्चों को पालन-पोषण रही हैं बल्कि उन्हें अच्छी शिक्षा देने के सपने भी देख रही है। इसी तरह बालो देवी भी एक अंडा दुकान चला रही हैं। यह कहानी झारखंड की सिर्फ दो महिलाओं की नहीं है बल्कि ऐसी कई महिलाएं और समूह है जो 'इथिका वित्त अभिक्रम' नामक बैंक के सहारे सुविधा संपन्न जीवन के सपने...
More »स्नेह के स्पर्श से जी उठी कोसी
देहरादून, [अरविंद शेखर]। इंसानी करतूतों से पल-पल मरती कोसी के लिए उम्मीद की लौ करीब-करीब बुझ चुकी थी। कभी कोसी नदी की इठलाती-बलखाती लहरों में मात्र स्पंदन ही शेष था। यह तय था कि नदी को जीवनदान देना किसी के वश में नहीं। इन हालात में कोसी को संजीवनी देने का संकल्प लिया इलाके की मुट्ठीभर ग्रामीण महिलाओं ने। नतीजतन आज कोसी के आचल फिर लहरा रहा है। आसपास के इलाके में हरियाली लौट आई है।...
More »फूलमती: वह सचमुच ग्राम प्रधान है
आजमगढ़ [जासं]। अन्याय सहना उन्होंने नहीं सीखा। फकत सात साल की थीं जब उन्होंने कदाचार के खिलाफ बिगुल फूंका। कीमत बड़ी चुकानी बड़ी अर्थात पढ़ाई छूट गयी लेकिन हौसले का साथ न छूटा। कदाचार के खिलाफ जंग जारी रही और वर्ष 2005 में कक्षा 2 पास यह महिला बनीं अपने गाव की मुखिया। बात हो रही है फूलमती त्रिपाठी की। वह अजमतगढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कादीपुर रजादेपुर की प्रधान हैं। मायका है...
More »मौत लेकर आया रुमाल व थाली का लोभ
मनगढ़ (प्रतापगढ़)। कृपालु महाराज की ओर से एक थाली, एक रुमाल और बीस रुपये के एक नोट का लालच 63 लोगों के लिए गुरुवार को मौत का संदेश लेकर आया। सिर्फ इतना हासिल करने के लिए ही यहां सुबह से ही भीड़ जुटना शुरू हो गयी थी। लगभग दस बजे तक यह आलम था कि लोगों को संभालना मुश्किल हो रहा था। तेज धूप ने लोगों में बेचैनी बढ़ी और इससे लोहे के गेट पर...
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