भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...
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130वें पायदान पर!
भारत में धन तो बहुत बढ़ा है, लेकिन इस देश का नागरिक अपनी स्वतंत्रताओं के मामले में कितना आगे बढ़ा है? छह दशक पहले भारतीय अर्थव्यवस्था पौने तीन लाख करोड़ रुपये की थी, जो आज 57 लाख करोड़ रुपये की हो चुकी है. लेकिन, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होते भारत में क्या उन लोगों की जीवन-स्थितियां भी इसी तेजी से बेहतर हुई हैं, जिनकी आंखों से आंसू...
More »आंकड़ों की धूल में छिपा सच-- अनिल रघुराज
इसका स्वार्थ, उसका स्वार्थ. तेरा स्वार्थ, मेरा स्वार्थ. सबका स्वार्थ अलग-अलग हो सकता है. लेकिन, सबका सच एक ही होता है. दिक्कत यह है कि शोर में सच कहीं खो गया है. भांति-भांति की आवाजों में इस सच को खोज पाना भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसा है. यह मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं. बस, शोर को बड़ा एकाग्र होकर सुनना होगा, जैसे नाद योग या नाद साधना...
More »दो साल का संघर्ष, खर्च 3 लाख, क्लेम मिला 3, 6 व 13 रुपए
बलबीर सिंह, ग्वालियर। सोयाबीन की खराब हुई फसल की बीमा का पैसा लेने के लिए विदिशा के किसानों ने दो साल तक संघर्ष किया। हाईकोर्ट में केस लड़ा और तीन लाख रुपए खर्च भी किए। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय कृषि बीमा निगम ने किसानों को जो राशि दी उसे देखकर वे हैरान रह गए। किसी के खाते में 3 रुपए आए तो किसी को 6, 13, 25...
More »ज्यां द्रेज से थाने में पुलिस ने मांगी 500 रुपये घूस
रांची : लालपुर पुलिस ने अर्थशास्त्री और विश्व के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज से बाइक को छोड़ने के लिए पांच सौ रुपये की रिश्वत मांगी़ उनके साथ लालपुर थाने में गलत व्यवहार किया गया़ ज्यां द्रेज ने मामल की जानकारी डीसी और पुलिस के वरीय अधिकारियों को दी़ घटना को लेकर लालपुर थाने के दारोगा बलबीर सिंह और जमादार सुरेश ठाकुर को निलंबित कर दिया...
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