लखनऊ। एक दशक पहले तक जीविका के लिए पल्लेदारी, मजदूरी, सिर पर डलिया रखकर सब्जी व फल बेचने वाली निरक्षर भानुमती वनग्राम की महिलाओं व अन्य वर्ग के लोगों की आवाज उठाकर देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार हो चुकी है। उन्हें राष्ट्रपति की ओर से 22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन आने का न्यौता मिला है। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ भोज में शामिल होने के...
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भानमती देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार
लखनऊ। एक दशक पहले तक जीविका के लिए पल्लेदारी, मजदूरी, सिर पर डलिया रखकर सब्जी व फल बेचने वाली निरक्षर भानुमती वनग्राम की महिलाओं व अन्य वर्ग के लोगों की आवाज उठाकर देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार हो चुकी है। उन्हें राष्ट्रपति की ओर से 22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन आने का न्यौता मिला है। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ भोज में शामिल होने के...
More »शिक्षा के तंत्र में उम्मीदें अब भी जीवित हैं-- अनुराग बेहर
मैं यहां पांच कहानियां बता रहा हूं। ये कहानियां मैंने साल 2015 में देश के अलग-अलग हिस्सों से बटोरी हैं। गरम मैदानी इलाके में एक शिक्षक अपने छात्र के घर जाता है, उसे गोदी में उठाकर अपनी बाइक पर बिठाता है, और फिर दोनों साथ-साथ स्कूल आते हैं। जब छुट्टी होती है, तो फिर दोनों साथ-साथ वापस घर लौटते हैं। वह छात्र अशक्त है। वह बच्चा शेष बच्चों से अलग...
More »कड़े कानून के साथ सुधार पर हो जोर - क्षमा शर्मा
जिस वक्त जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन की बहस राज्यसभा में चल रही थी, उस समय निर्भया के माता-पिता भी दर्शक दीर्घा में बैठे थे। राज्यसभा में यह बिल छह महीने से लटका था, लेकिन जैसे ही इस किशोर अपराधी के छूटने की खबरें आने लगीं, मीडिया, गैरसरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों के लोग इस किशोर के सुधारगृह से बाहर आने, न आने पर बहस करने लगे। बहस का मूल...
More »मजबूरी ने थमा दी जूठी प्लेट, होटलों व गैराजों में दम तोड़ रहा बचपन
सासाराम (ग्रामीण) : जिन हाथों में कलम होना चाहिए था, उन बच्चों को लाचारी ने हथौड़ा व जुटी प्लेट थमा दी. यही नहीं, कड़ी मेहनत के बावजूद नन्हें हाथों को दो जून की रोटी भी नहीं मिल पाती है. कर्ज के बोझ तले दबे माता-पिता ने इन बच्चों को पढ़ाने के बजाये भुखमरी से निबटने के लिए होटल चलाने वालों के हवाले अपने नन्हें बच्चों की जिंदगी कर देते...
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