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गर्भावस्था है किशोरियों में मौत का सबसे बड़ा कारण

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक किशोरियों में मौत का सबसे बड़ा कारण कम उम्र में उनका गर्भ धारण करना होता है. सेव द चिल्ड्रिन नाम की संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रसव के दौरान संक्रमण या बीमारी के चलते 10 लाख किशोरियों की मौत हो जाती है या वे किसी न किसी रूप से जख्मी हो जाती हैं. इस समस्या का सबसे बड़ा कारण गर्भनिरोधकों तक पहुँच न...

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प्रदेश में एक जुलाई से मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

जयपुर.प्रदेश में राजस्थान बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 शुरू कर दी गई है। इसके तहत बेरोजगारों को एक जुलाई से भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा। पुरुष एवं महिला अभ्यर्थी को 500 रुपए प्रतिमाह एवं विशेष योग्यजन को 600 रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। योजना के तहत परिवार की कुल वार्षिक आय में माता-पिता, पति-पत्नी तथा अवयस्क बच्चों की आय भी शामिल...

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प्रधान नहीं जानतीं पंचायतीराज मंत्री कौन!- सुरेश कासलीवाल की रिपोर्ट

अजमेर.जिले की अरांई पंचायत समिति की प्रधान पारसी देवी, जहाजपुर प्रधान सीता देवी गुर्जर व आसींद की प्रधान देबी भील अपने अधिकारों के बारे में तो अनजान हैं ही, उन्हें पंचायतीराज विभाग के मुखिया पंचायतीराज मंत्री का नाम तक मालूम नहीं है? एक को इसके बारे में जानकारी नहीं। दूसरी बोलती है, पूरा नाम पता नहीं पर शायद कोई मालवीय हैं और तीसरी प्रधान ने पंचायतीराज मंत्री का नाम बताया, राजेंद्र सिंह राठौड़ । ...

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11 साल में पांच गुना बढ़े मनोरोगी- मनोज सिंह की रिपोर्ट(प्रभात खबर)

* जनसंख्या की वृद्धि दर 23 फीसदी, मनोरोगियों की 116 फीसदी रांची : झारखंड में पिछले 11 सालों में मनोरोगियों की संख्या में पांच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. मनोरोगियों की वृद्धि दर 116 फीसदी के करीब है. यह राज्य की जनसंख्या वृद्धि दर से पांच गुना अधिक है. पुरुष मनोरोगियों की संख्या में वृद्धि दर पांच गुना से कुछ नीचे है. जबकि महिला मनोरोगियों में यह दर सात गुना से...

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गरीबी, खाद्य सुरक्षा और कैश ट्रांसफर- रितिका खेड़ा

कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...

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