नौजवानों के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर उत्पादन के क्षेत्र में उतरने को तत्पर होता है, तब उससे कह दिया जाता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसका खुद पर गुस्सा लाजिमी है कि उसने अपने परिवार के संसाधनों का इस्तेमाल खुद को राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान करने लायक बनाने के लिए व्यर्थ किया। मां-बाप...
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फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नया कदम, रसोई अलग तभी राशनकार्ड
शिमला. प्रदेश में अब नया राशन कार्ड रसोई की जांच के बाद ही बनेगा। एक ही परिवार में नया राशनकार्ड बनाने से पहले परिवार में अलग-अलग रसोई दिखानी होगी। 31 मार्च को पुराने बने राशन कार्ड की अवधि खत्म होने के बाद अप्रैल में 12 लाख से अधिक नए राशन कार्ड बनाए जाने हैं। पंचायत सचिवों को राशन कार्ड जारी करने से पहले उपभोक्ताओं की रसोई की जांच करनी होगी। इसके लिए सरकार ने...
More »चाय बागान मजदूरों को मिले भोजन का अधिकार
दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र, तराई व डुवार्स के चाय बागानों के मजदूरों की दयनीय दुर्दशा के मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने को 20 संगठन व संस्थाएं आगे आई हैं। इन संगठनों की ओर से संयुक्त रूप से 'नॉर्थ बंगाल राईट टू फूड कैंपेन' यानी 'उत्तर बंगाल भोजन का अधिकार अभियान' का बिगुल फूंका गया है। इसके तहत रविवार को एक इन संगठनों की ओर से हजारों चाय बागान मजदूरों को लेकर...
More »खाद्य आपूर्ति की सब्सिडी पर अड़ंगा
शिमला. प्रदेश सरकार ने खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम की सब्सिडी पर रोक लगा दी है। निगम को यह सब्सिडी दालों, चावल, नमक और रिफाइंड और मस्टर्ड तेल के लिए दी जाती है। दिसंबर से लेकर अब तक सरकार ने सब्सिडी नहीं जारी नहीं की है। सब्सिडी की यह राशि 30 करोड़ रुपए बनती है। इसे देखते हुए अब यह मामला आगामी कैबिनेट की बैठक में ले जाया जा रहा है। निगम का...
More »भ्रष्टाचार के विरुद्ध तीन देवियां
वर्ष 2008 में पूरे देश भर की तरह मेघालय के जोंगक्षा गांव में भी नरेगा (अब मनरेगा) योजना लागू हुई. घपला-घोटाला भी साथा आया. नरेगा में काम करनेवालों को मजदूरी के रूप में 70 रुपये ही दिये जा रहे थे. इसके चलते नरेगा का स्थानीय भाषा में एक खास नाम पड़ गया, जिसका अर्थ होता है 70 टकिया. इस भ्रष्टाचार के खिलाफ़ कोंग फ़ातिमा मायनसोंग, कोंग एक्यूलाइन सोंनथीअंग और कोंग मतीलदा सुतिंग नामक...
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