पटना जानवरों ने आपकी फसल को नुकसान पहुंचाया या उनके हमले में जान की क्षति हुई तो सरकार मुआवजा देगी। फसल नुकसान के लिए लागत या अधिकतम प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपये की दर से मुआवजा मिलेगा। मौत या स्थायी अपंगता की स्थिति में एक लाख रुपये का मुआवजा। मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। कैबिनेट ने...
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अब किस्तों में राशन पाएंगे गरीब
पटना जनवितरण प्रणाली के लाभान्वितों को अब किस्तों में भी अनाज दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि एकमुश्त गेहूं-चावल का उठाव पैसों के अभाव में कई बार लोग नहीं कर पाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि नियम को शिथिल किया जाए। लेकिन यह सुविधा केवल बीपीएल और अंत्योदय योजना के लाभुक को ही मिल पाएगी। मालूम हो कि चिह्नित लाभुक परिवारों को गेहूं व...
More »प्राथमिकता वाले क्षेत्र में ऋण को बने टास्क फोर्स
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में दिये जाने वाले ऋण की गति में सुधार के लिए टास्क फोर्स के गठन की मांग की है। केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में सोमवार को पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों और बैंकों के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह मसला उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि, आवास, अल्पसंख्यकों, कमजोर वर्गो, शिक्षा ऋण यानी प्राथमिकता क्षेत्रों...
More »क्यों छिपाया गया एमआईसी का एंटी डोज
भोपाल। एमआईसी गैस का प्रभाव नष्ट करने वाली दवा फैक्ट्री में मौजूद होने के बाद भी यूनियन कार्बाइड प्रबंधन ने आम लोगों को इसका लाभ नहीं दिया। जबकि फैक्ट्री की डिस्पेंसरी में त्रासदी की रात लगभग पांच सौ प्रभावितों का उपचार हुआ था और उनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई। दूसरी ओर शहर के अन्य अस्पतालों में लोग तड़प तड़पकर मौत के मुंह में पहुंच गए। यूनियन कार्बाइड...
More »शुगर क्यों हो, स्टीविया है न
रचना गुप्ता, शिमला। इसे चीनी के आसमान छूते दामों का दम कहें या स्वास्थ्य सरोकारों के लिए संजीदगी, खबर यह है कि लोग अब चाय में न तो चीनी पी रहे हैं न शुगरफ्री गोलियां। स्टीविया अब उनकी जीवनचर्या का अंग बन चुका है। मिठास के लिए वे मीठे पौधे स्टीविया का प्रयोग रूटीन में करने लगे हैं। इस पौधे को चीनी के विकल्प के कारण घरों में लगाने लगे...
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