शिमला. लैटिन अमेरिकी देश कोस्टारिका की यात्रा के बाद हिमाचल सरकार रेड (रिड्यूस ग्रीनहाउस गैस इमिशन फ्रॉम डिफॉरेस्टेशन एंड फॉरेस्ट डिग्रेडेशन) स्कीम के तहत वर्ल्ड बैंक से आर्थिक मदद का प्रस्ताव रखेगा। प्रदेश को रेड से सहायता मिलने का पक्ष इसलिए भी मजबूत है क्योंकि वर्ल्ड बैंक ने प्रदेश की टीम को वहां आने का न्योता दिया है। प्रदेश में कुल 3703297 हैक्टेयर वन क्षेत्र है और हर साल राज्य में वनों का विस्तारीकरण हो रहा...
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आसान नहीं होगा जमीन खरीदना
शिमला. हिमाचल प्रदेश में किरायेदारी एवं भूमि सुधार अधिनियम 1972 (1974 का अधिनियम 8) की धारा 118 के तहत भूमि खरीदना आसान नहीं रहेगा। होटल निर्माण, पर्यटन गतिविधियों के संचालन, उद्योगों और शिक्षण संस्थानों की स्थापना और हर्बल गार्डनिंग के नाम पर जमीन खरीदने वाले व्यवसायियों को खरीद के बाद जमीन को तय समय के भीतर उपयोग में लाना अनिवार्य होगा। तय अवधि में जमीन का उपयोग न करने पर खरीदार का...
More »प्रदेश में 17 फीसदी बढ़ा ग्रीन कवर
शिमला. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार राज्य का ग्रीन कवर (हरित आवरण) 27 फीसदी से बढ़कर 44 फीसदी हो गया है। चार हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों को वन क्षेत्र से बाहर रखा जाता है तो हिमाचल प्रदेश के अलावा देश के अन्य चार राज्यों के वनाच्छदित क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है। जम्मू कश्मीर में यह 12 फीसदी से बढ़कर 33 फीसदी, सिक्किम में 46 फीसदी से 84 फीसदी...
More »प्रदूषण मुक्त राज्य का मास्टर प्लान मार्च तक होगा तैयार : धूमल
धर्मशाला : मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि राज्यों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अगले वर्ष मार्च तक राज्य मास्टर प्लान तैयार कर लिया जाएगा। प्रदेश सरकार राज्यों को कार्बन न्यूट्रल मुक्त राज्य बनाने के लिए पूरी तरह कृतसंकल्प है। धर्मशाला में शीघ्र पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय आरंभ कर दिया जाएगा जिससे क्षेत्र के लोग लाभान्वित हो सकें। मुख्यमंत्री यहां राज्यस्तरीय पालीथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के शुभारंभ अवसर पर बोल...
More »बनी रहती है सेब में लाली व चाय में हरियाली
मुजफ्फरपुर रासायनिक खाद के उपयोग से पीछे हट रहे किसानों को भले ही जैविक उर्वरक से की गयी खेती रास न आ रही हो,पर मुजफ्फरपुर में निर्मित जैविक खाद से भारत के कई राज्यों के संतरे, चाय व सेब के बागों में हरियाली बनी रहती है.दूसरे राज्यों में खाद की आपूर्तिमिट्टी के लिए हानिरहित होने के कारण केवल चाय, सेब व संतरे की फसलों में ही नहीं, बल्कि औषधीय फ़ार्मो में भी इसका व्यापक पैमाने...
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