सन् 1991 के बाद देश में आर्थिक सुधार के नाम पर बेतहाशा उदारीकरण की जो नीति अपनायी गयी, उसे सत्ता पक्ष और प्रमुख विपक्ष ने बड़ी मजबूती से केंद्र व राज्यों में लागू किया. उदारीकरण के दुष्परिणाम आज हमारे सामने हैं. उदारीकरण की नीतियों की वजह से न सिर्फ मजदूरों को नुकसान हुआ है, बल्कि परंपरागत उद्योग और कृषि बुरी तरह से चौपट होकर रह गये हैं. आज देश एक...
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खराब सुविधाओं के लिए गुजरात सरकार के विद्यालयों की आलोचना
अहमदाबाद (भाषा)। गुजरात के आठ जिलों में शिक्षा के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अध्ययन करने वाले एक गैर सरकारी संगठन ने पाया कि इस जिले के 57 प्रतिशत सरकारी विद्यालयों में छात्र पर कमरों :पीआरआर: का अनुपात बहुत खराब है। यह रिपोर्ट जनविकास द्वारा जारी की गई जिसने राज्य के आठ जिलों में गत वर्ष अक्तूबर से दिसम्बर तक शिक्षा का अधिकार कानून के क्रियान्वयन का अध्ययन किया। पीआरआर छात्रों...
More »क्या कागजी ही रहेगा बालश्रम कानून- किशोर
जनसत्ता 30 अप्रैल, 2013: मंत्रिमंडलीय समितिद्वारा बालश्रम (प्रतिबंधन एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी दिए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं, पर अभी तक यह संसद के दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया है। इस संशोधन को राज्यसभा में पेश भी किया जा चुका है, पर मामला उससे आगे नहीं बड़ा है। इस अधिनियम में संशोधन के बाद चौदह वर्ष से कम आयु के बच्चों से...
More »मजदूर, क्यों रहें मजबूर !
बिहार का बहुत बड़ा मानव संसाधन राज्य और राज्य के बाहर मजदूर के रूप में अपनी शक्ति और श्रम का निवेश कर रहा है. इनकी ज्यादा संख्या असंगठित कार्य क्षेत्र में हैं. राज्य में करीब नौ हजार कारखाने सरकार के खाते में दर्ज, जिनमें से करीब पौने आठ हजार चालू हाल में हैं. इनमें करीब 1.14 लाख मजदूर काम कर रहे हैं. बाकी मजदूर दूसरे कार्य क्षेत्रों में हैं. बिहार सरकार श्रम...
More »अब तक गेहूं की सरकारी खरीद 194 लाख टन
चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में गेहूं की सरकारी खरीद 2.1 फीसदी बढ़कर 194 लाख टन की हो गई है। गेहूं की सरकारी खरीद की गति कुछ राज्यों में पहले की तुलना में धीमी हो गई है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान में खरीद पिछले साल से कम हुई है। अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश की है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के...
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