तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
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फसल किसकी और फायदा किसे? - देविंदर शर्मा
मुझे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बहुत उम्मीदें थीं। गए साल बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में फसलें तबाह हो गई थीं। कई किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। ऐसे में किसान उत्सुकतावश नई फसल बीमा योजना की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे थे। हालांकि नई योजना को सरकार की ओर से गेमचेंजर बताया गया, लेकिन मैं जब इसकी...
More »किसानों को उचित दाम दीजिए- भरत झुनझुनवाला
किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार संवेदनशील दिखती है, पर मात्र संवेदनशीलता से बात नहीं बनती है. पाॅलिसी की दिशा भी सही होनी चाहिए. मात्र उत्पादन बढ़ाने से किसान का उद्धार नहीं होगा. साठ के दशक में पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेत परती पड़े रहते थे. सिंचाई रहट और ढेकली से होती थी. आज पूरे क्षेत्र में ट्यूबवेल का जाल बिछ गया है. बैल के स्थान पर ट्रैक्टर से खेती हो...
More »बासमती को लेकर भारत और पाकिस्तान में बनी सहमति
नई दिल्ली। भारतीय बासमती चावल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक नई पहचान मिली है। यह प्रतिष्ठा दिलाने में पाकिस्तान उसके साथ है। लंबे दाने के खुशबू वाले बासमती को जीआई टैग दिलाने में भारत के दावे का पाकिस्तान ने वैश्विक स्तर पर खुलकर समर्थन किया है। बासमती के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच एक अंतरिम समझौता भी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि बासमती...
More »सूखे से बेहाल बुंदेलखंड- भारत डोगरा
उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड, ओडिशा हो या आंध्र प्रदेश-देश के एक बड़े भाग को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे क्षेत्रों में रोजगार कार्यों के अभाव में लोगों का दुख-दर्द बढ़ रहा है। बांदा जिले में नरैनी प्रखंड के घसराऊट गांव के लोगों ने बताया कि खरीफ की फसल तबाह हो गई, फिर सूखे के कारण रबी की बुआई कम हुई। इसके बावजूद...
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