वेदांत, पोस्को और सिंधुदुर्ग। इन तीनों मामलों में मुद्दा एक ही है-खनन और संसाधन आधारित उद्योग के लिए एक सुविचारित नीति की आवश्यकता। पिछले दिनों सरकार ने उड़ीसा के पिछड़े कालाहांडी जिले में नियमगिरि पहाडिय़ों पर वेदांत को दी गई खनन की अनुमति वापस लेने का फैसला किया। उधर, उड़ीसा में पोस्को लौह अयस्क परियोजना पर गुप्ता समिति ने एक तरह से विभाजित फैसला दिया। इसके अलावा पश्चिमी घाट क्षेत्र...
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पानी भरेगा राज्य का खजाना
रायपुर.राज्य की नदियों से हर साल करोड़ों रुपए का पानी यूं ही बह जाता है। बर्बाद हो रहे पानी के इस्तेमाल के लिए सरकार महानदी कछार पर पांच बैराज बनाने जा रही है।इसके निर्माण पर करीब 1200 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इन बैराजों से सिर्फ उद्योग जगत की जरूरतें पूरी की जाएंगी। इसके एवज में हर साल करीब 585 करोड़ रुपए आवक की उम्मीद है। जरूरत से कई गुना पानी बर्बाद...
More »एमपी की नई औद्योगिक नीति को मंजूरी
मध्य प्रदेश सरकार बगैर किसी औद्योगिक नीति के प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कर रही थी। साथ ही निवेश सम्मेलन भी आयोजित कर रही थी। सरकार की इस नीति पर बिजनेस भास्कर ने लगातार सवाल खड़े किए। इसके बाद ही सरकार की ये इंडस्ट्रियल पॉलिसी सामने आई है। रोजगार पर जोर नई पॉलिसी में स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर जोर कम से कम 50 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को...
More »ग्रामीण क्षेत्र की सड़केंग्रामीण बोर्ड के तहत लाने की योजना
नई दिल्ली, जासं: औद्योगिक क्षेत्रों की तर्ज पर राज्य सरकार राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की देखरेख भी रूरल बोर्ड के तहत लाना चाहती है। फिलहाल सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की दयनीय स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिया है। सरकार का मानना है कि दिल्ली नगर निगम ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की देखरेख ठीक ढंग से नहीं कर रही है।...
More »संकट में अन्नदाता
भोपाल. वे कभी गांव के जमींदार थे, अच्छा खासा रसूख था। सुखी परिवार था, मिल जुलकर रहते थे, लेकिन आज हालात बदले हुए हैं। अब न ही रुतबा है, न ही जमीन और न ही जिंदगी बसर करने के लिए पैसे। ये कहानी है, भोपाल से सटे गांव पुरा छिंदवाड़ा के किसानों की। भोपाल जिले में हाल ही में उजागर हुए हजार एकड़ जमीन के घोटाले में कई किसान धोखाधड़ी...
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