जनसत्ता 1 अगस्त, 2013: ये दो बिलकुल अलग-अलग बातें हैं- प्रकृति का कैलेंडर और हमारे घर-दफ्तरों की दीवारों पर टंगे कैलेंडर, कालनिर्णय या पंचांग। हमारे संवत्सर के पन्ने एक वर्ष में बारह बार पलट जाते हैं। पर प्रकृति का कैलेंडर कुछ हजार नहीं, लाख-करोड़ वर्ष में एकाध पन्ना पलटता है। इसलिए हिमालय, उत्तराखंड, गंगा, नर्मदा आदि की बातें करते समय हमें प्रकृति के भूगोल का यह कैलेंडर कभी भी भूलना नहीं...
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छत्तीसगढ़ में दलहन व तिलहन उत्पादन बढऩे की उम्मीद
देश के दक्षिण पूर्वी भाग में इस साल मानसून की मेहरबानी किसानों के लिए राहत की बारिश लेकर आई है। छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून आए डेढ़ महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। मानसून की जल्द आमद के चलते राज्य में खरीफ की 66 फीसदी से अधिक बुवाई पूरी हो चुकी है। मौसम की इस रहमत को देखते हुए इस साल धान की बंपर फसल की उम्मीद की जा...
More »यूरिया का आयात 48 फीसदी बढ़कर 11 लाख टन
चालू वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही अप्रैल-जून के दौरान देश में यूरिया का आयात 48 फीसदी बढ़कर 11.09 लाख टन हो गया। इस साल मानसून जल्दी सक्रिय होने के कारण यूरिया की मांग ज्यादा रहने की संभावना है। देश में पिछले साल समान अवधि में 7.47 लाख टन यूरिया का आयात किया गया था। उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान कुल...
More »दलहन पैदावार 10 लाख टन बढऩे का लक्ष्य रखा सरकार ने
रयास- खाद्य सुरक्षा मिशन में 1100 करोड़ रुपये उत्पादक राज्यों के लिए किसानों को मदद खाद्य सुरक्षा मिशन में अब दलहन उत्पादन बढ़ाने पर फोकस किसानों को प्रमाणित बीज, खाद और कीटनाशक सब्सिडी पर दलहन के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाना सरकार का मकसद इससे किसानों की आय बढऩे और जीवन स्तर सुधरने की भी उम्मीद कृषि मंत्रालय को चालू वर्ष में 190 लाख टन दलहन उत्पादन की आस कृषि मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष 2013-14...
More »उत्तराखंड के सबक- रोहित जोशी
जनसत्ता 21 जून, 2013: पिछले सालों में बरसात का मौसम उत्तराखंड के लिए तबाही का मौसम साबित हुआ है। अबके मानसून की पहली बारिश ही उत्तरकाशी, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन का मंजर लेकर आई है। जबकि अभी बरसात का पूरा मौसम बाकी है। यों तो आंख मूंद कर इन आपदाओं को सिर्फ प्राकृतिक माना जा सकता है और आपदा-राहत में...
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