भारत के संविधान में गांव की कोई परिभाषा नहीं है. जब गांव ही नहीं है, तो ग्राम गणराज्य भी नहीं है. यह बड़ा विरोधाभास है. महात्मा गांधी गांव गणराज्य की बात करते थे. वे आजादी का असली अर्थ गांवों की समरसता, आत्मनिर्भरता और लोकतंत्र में जन भागीदारी को मानते थे. देश आजाद हुआ और गणतंत्र भारत के लिए अपना संविधान बना, लेकिन इसमें गांव की परिकल्पना शामिल नहीं हो सकी. सब ने...
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गांव के शासन में अहम भूमिका निभा रही है महिला ग्रामसभा
महात्मा गांधी का सपना था कि गांव का शासन ग्रामीण चलायें और अपनी प्राथमिकताएं भी वे खुद ही तय करें. हालांकि अब तक यह सपना पूरी तरह सार्थक तो नहीं हो पाया है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि पंचायत चुनाव के बाद इसकी संभावनाएं काफी प्रबल हुईं हैं. गांधीजी के सपने को साकार करने की ओर एक कदम के रूप में महिला ग्रामसभा को देखा जा सकता है. क्या...
More »शीघ्र शुरू होगी खनिज संपदा की रखवाली
पटना: खनिज संसाधन के बेहतर विकास व उपयोग और अवैध उत्खनन पर लगाम लगाने के लिए बिहार राज्य खनिज निगम जल्द ही अस्तित्व में आ जायेगा. निगम के अस्तित्व में आने से राज्य की खनिज संपदा की बेहतर रखवाली और हर साल होनेवाले राजस्व नुकसान पर काबू पाया जा सकेगा. वर्ष 2014 में खनिज से कुल 641 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. केवल बालू के उत्खनन व उठाव...
More »बिहार के हिस्से में कटौती 3000 करोड़ कम मिलेंगे
केंद्र सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का खामियाजा बिहार को लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रह में विफल रहने पर केंद्र ने करों में बिहार की हिस्सेदारी में 3000 करोड़ की कटौती की है. इतना ही नहीं, केंद्र ने सुखाड़ से निबटने के लिए अब तक न 12500 करोड़ की मदद दी और न ही एनएच की मरम्मत के 969 करोड़ लौटाये हैं. पटना : केंद्र में लक्ष्य से कम राजस्व संग्रह का असर बिहार...
More »केलकर रिपोर्ट: पेट्रोलियम नियामक डीजीएच ने जताई कड़ी आपत्ति
तेल खोज व उत्खनन क्षेत्र के विनियामक डीजीएच ने कंपनियों के साथ अनुबंध के मौजूदा नियमों को आगे की परियोजनाओं के लिए भी जारी रखने के विजय केलकर समिति के सुझावों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। अनुबंध की मौजूदा व्यवस्था में कंपनियां परियोजना से अपनी पूरी लागत निकालने के बाद ही तेल या गैस में सरकार को हिस्सा देना शुरू करती...
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