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बिना चर्चा, 6 मिनट में 4 बिल पारित

जयपुर.पाले और शीतलहर से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के बाद पूरे दिन हंगामा हुआ। पूरा शून्यकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने नारेबाजी की और धरना दिया। सदन की कार्रवाई एक घंटे रोकनी पड़ी। इस बीच बिना चर्चा के 6 मिनट में अभियांत्रिकी और प्रबंधन विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक, गीतांजली विश्वविद्यालय, उदयपुर विधेयक, और महाराज विनायक ग्लोबल विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक...

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राहत शिविर या शामत शिविर!- राजकुमार सोनी(तहलका)

वे गांव लौटे तो नक्सलवादियों का निशाना बन जाएंगे और यदि राहत शिविरों में रहते हैं तो उन्हें अमानवीय परिस्थितियों के बीच ही बाकी जिंदगी गुजारनी पड़ेगी. सलवा जुडूम अभियान के दौरान बस्तर के राहत शिविरों में रहने आए हजारों ग्रामीण आदिवासी आज त्रिशंकु जैसी स्थिति में फंसे हैं. राजकुमार सोनी की रिपोर्ट कोतरापाल गांव की प्रमिला कभी 15 एकड़ खेत की मालकिन थी, लेकिन गत छह साल से वह अपने...

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वित्तमंत्री की नींद क्यों उड़ी है- आनंद प्रधान

जनसत्ता 15 फरवरी, 2012 : वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की नींद उड़ गई है। उनका कहना है कि जब भी वे सब्सिडी के बढ़ते बोझ के बारे में सोचते हैं, उनकी रातों की नींद उड़ जाती है। असल में, वित्तमंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में विभिन्न मदों (खासकर खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम) में कुल 1.43 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी का अनुमान लगाया था, लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक, इसमें लगभग एक लाख...

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मप्र में खुलेंगे 400 लोकसेवा केंद्र

भोपाल, जागरण ब्यूरो। आम जनता की तकलीफें कम करने के लिहाज से मध्य प्रदेश में 400 लोकसेवा केंद्रों की स्थापना की जाएगी। सोमवार को राज्य मंत्रिपरिषद ने सरकारी कालेजों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों, लाइब्रेरियन एवं पीटीआई के मानदेय में डेढ़ गुना वृद्धि करने का फैसला भी किया। इसके अलावा मेला प्राधिकरण गठित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न...

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विकास की बंद गली- भारत डोगरा

जनसत्ता 2 फरवरी, 2012 : हाल के वैश्विक संकट ने विश्व-स्तर पर लोगों को नए सिरे से आर्थिक नीतियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। अब आम लोग और विशेषज्ञ दोनों निजीकरण, बाजारीकरण और भूमंडलीकरण पर आधारित मॉडल की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। आम लोगों की बेचैनी की अभिव्यक्ति सबसे प्रबल रूप में आक्युपाइ द वॉल स्ट्रीट आंदोलन के रूप में हुई है। दूसरी ओर, इस बार...

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