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कम बारिश के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने का अनुमान

- चावल की रिकॉर्ड फसल, गेंहू उत्पादन का लक्ष्य 10 करोड़ टन नई दिल्ली। एजेंसी देश के 31 फीसदी इलाके में सामान्य से कम बारिश के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने का अनुमान है। चालू खरीफ सीजन में चावल का रिकार्ड 9.8 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान है, जबकि रबी में गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 10 करोड़ टन तय किया गया है, जो अब तक का सबसे अधिक है। इस दौरान दलहन उत्पादन...

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फैमिली बिजनेस करने वालों की तीसरी सबसे बड़ी तादाद भारत में

नई दिल्ली। परिवार नियंत्रित बिजनेस यानी फैमिली बिजनेस की संख्या के लिहाज से भारत दुनियाभर में तीसरे स्थान पर है। देश में परिवार-नियंत्रित कंपनियों की संख्या 111 है। इस मोर्चे पर 159 ऐसी कंपनियों के साथ चीन पहले, जबकि 121 कंपनियों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) दूसरे स्थान पर हैं।   'क्रेडिट सुइस फैमिली 1,000 इन 2018' रिपोर्ट के मुताबिक परिवार नियंत्रित बिजनेस के मामले में दुनियाभर में गैर-जापान एशियाई क्षेत्र,...

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खुले में शौच मुक्त घोषित होने के बावजूद गुजरात में लाखों शौचालयों की ज़रूरत: आरटीआई

अहमदाबाद: कुछ महीनों पहले गुजरात को ‘खुले में शौच से मुक्त' (ओडीएफ) राज्य घोषित किया गया था. हालांकि एक आरटीआई के जरिए ये खुलासा हुआ है कि गुजरात के ग्रामीण घरों में अभी लाखों शौचालयों की आवश्यकता है.   आरटीआई कार्यकर्ता हितेश चावडा द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में जिला प्रशासन ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण' योजना के तहत दाहोद में इस साल मई-जून तक 1.40 लाख परिवारों को शौचालय नहीं...

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उत्तराखंड सरकार द्वारा खुले में शौच से मुक्ति की घोषणा गलत: कैग

देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा पिछले साल की गई, प्रदेश के खुले में शौच से मुक्त (ओएफडी) होने की घोषणा सही नहीं थी और भौतिक सत्यापन में कुल 1143 व्यक्तिगत शौचालयों में से 41 का निर्माण नहीं हो पाया जबकि 34 शौचालय निर्माणाधीन थे. यह तथ्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की नई रिपोर्ट में उजागर हुआ है. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि इस योजना में वित्तीय प्रबंधन भी अपर्याप्त...

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‘श्रीकृष्णा कमेटी द्वारा सुझाया गया संशोधन आरटीआई क़ानून को बर्बाद कर देगा’

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयुक्त प्रो. मदाभूषनम श्रीधर आचार्युलु आरटीआई और पारदर्शिता के मुद्दे पर अपने बेबाक फैसलों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में अपने एक फैसले में उन्होंने राज्यसभा के अध्यक्ष और लोकसभा के स्पीकर से सिफारिश की है कि सांसद निधि के धन का उचित उपयोग करने के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाया जाए. आचार्युलु उन कुछ चुनिंदा आयुक्तों में एक हैं जो पद पर रहते हुए भी...

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