पिछले हफ्ते भारत में आर्थिक सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के पच्चीस साल पूरे हुए। सरकार ने इस अवसर की अनदेखी की, और इसकी वजह समझना मुश्किल नहीं है: आर्थिक सुधार पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने शुरू किए थे, और तब भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध किया था। (स्वदेशी जागरण मंच का वजूद आज भी है।) कल्पना करें कि 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी...
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सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश
ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...
More »जरूरी है जूट को सरकारी संरक्षण-- पंकज चतुर्वेदी
सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा। यही नहीं, जूट कारखानों व...
More »'ब्रेक्जिट' पर जनमत, यदि हां तो चपेट में पूरी दुनिया
23 जून का दिन ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के इतिहास में बड़ा दिन होगा। 2008 की मंदी के बाद वित्तीय जगत में ये दूसरी बड़ी घटना है जिसकी सभी दूर चर्चा हो रही है। इस दिन ब्रिटेन में यूरोपियन यूनियन से अलग होने या उसमें रहने पर जनमत होगा। इसे ही ब्रिक्जिट कहा जा रहा है। अग्रेंजी में इसका मतलब ब्रिटेन एक्जिट (बाहर होना)। ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने...
More »फूल के कांटे-- चंद्रमोहन पपनैं
आजकल की गरमी में पंचफूली नामक सुंदर फूल-पौधे नोएडा के वीआइपी कहे जाने वाले इलाके सेक्टर 14-ए के पास स्थित गौतमबुद्ध की मूर्ति के ठीक सामने शोभायमान हैं। यहीं पर डीटीसी बस स्टॉप है और इसके बार्इं ओर एक बड़ा पार्क है, जिसमें बहुत सारे लोग सुबह-शाम की सैर करते हैं। इस मुख्य मार्ग से हजारों वाहन और लोग रोजाना आते-जाते हैं। वे पंचफूली नामक इन फूल-पौधों की सुंदरता को...
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