नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने बृहस्पतिवार को अपने निवास पर कहा कि निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को निशुल्क दाखिला देना ही होगा। उनकी मनमानी नहीं चलेगी। अगर स्कूल प्रशासन नियमों की अनदेखी करेंगे तो सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून में नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों के विरुद्ध आपराधिक मामला...
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पांचवी के बच्चों को नहीं आता दूसरी कक्षा का पाठ पढना
रायपुर.राज्य में शिक्षा की कई योजनाओं के लागू होने के बावजूद पढ़ाई में काफी कसर बाकी है। वर्ष 2010 में स्कूलों में एक फीसदी ड्रॉपआउट बढ़ा है। पहली के 20 फीसदी बच्चे अक्षर नहीं पहचाते और पांचवीं के 61.6 प्रतिशत बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ भी नहीं पढ़ पाते। प्रदेश में सरकारी स्कूलों को मिलने वाले अनुदान का भी समुचित उपयोग नहीं हो रहा है। बच्चों व शिक्षकों...
More »एक समान शिक्षा का विकल्प शिरीष खरे
‘स्कूल चले हम’ कहते वक्त अलग-अलग स्कूलों में पल रही गैरबराबरी पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता. एक ओर जहां क, ख, ग लिखने के लिए ब्लैकबोर्ड तक नही पहुंचे हैं, वहीं दूसरी तरफ चंद बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मंहगी ईमारत, अंग्रेजी माध्यम और शिक्षा की जरूरी व्यवस्थाओं का फायदा उठा रहे हैं. केन्द्रीय कर्मचारियों के बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय हैं, सैनिको के बच्चों के लिए सैनिक स्कूल हैं, तो...
More »पंजाब के 7500 निजी स्कूल हो सकते हैं बंद
चंडीगढ़। शिक्षा का अधिकार कानून लागू क्या हुआ, पंजाब के 7500 स्कूलों पर संकट के बादल मंडराने लग गए। ये सभी स्कूल गैर मान्यता प्राप्त हैं। वैसे प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीटें पिछड़े वर्गो के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित रखने और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने, अध्यापक भर्ती करने आदि के लिए उनके पास तीन साल का वक्त है। जिन स्कूलों ने मान्यता नहीं ली है, उन्हें या तो...
More »क्या सोचा क्या पाया
जिन सपनों को लेकर एक दशक पहले उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था उनमें से कितने सपने आंखों से उतरकर जमीन पर चल पाए हैं? नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य दस साल का हो गया. दस साल की उम्र किसी राज्य का भविष्य तय करने के लिए काफी नहीं होती, पर ‘पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं’ वाली कहावत के हिसाब से देखा जाए तो उस भविष्य का अंदाजा लगाने के...
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