| दो दिनों में सोनुवा के एक गांव में डायरिया से सात लोगों की मौत हो चुकी है. पूरा गांव तबाह है. इलाज के लिए खुद चिकित्सक नहीं गये. मरीजों को खेत में बांस की बल्ली पर बोतल रख कर स्लाइन चढ़ायी जा रही है. न एंबुलेंस पहुंची है और न ही चलंत चिकित्सा की सुविधा. करोड़ों की चिकित्सा बसें बेकार पड़ी हैं. यह है झारखंड में चिकित्सा सेवा का हाल. || 2800...
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आंकड़ों की खेती से नहीं निकलेंगे परिणाम
रांची : यह आयोजन समेकित व समावेशी विकास के लिए है. विकास कार्यक्रम बनें व इनमें इनपुट ही सही न हो, तो काम ठीक नहीं हो सकता. दूसरी बात कि आंकड़ों की खेती से परिणाम नहीं निकलेंगे. कृषि क्षेत्र पर सबने चिंता जाहिर की है. राज्य के अधिकतर लोगों के जीवनयापन से जुड़ा यह क्षेत्र है, लेकिन यहां पलायन व अन्य समस्याएं हैं. अब लोगों के सुझाव से वास्तविकता के साथ...
More »मनरेगा: पात्रों मजदूरों को नहीं मिल रहा लाभ
मरदह (गाजीपुर): कांग्रेस पार्टी के तत्वावधान में मनरेगा की चौपाल शुक्रवार को बेलसड़ी में लगी, जिसमें पीसीसी सदस्य डा. राणाविजय राजभर ने कहा कि मनरेगा के क्रियान्वयन में की जा रही धांधली के कारण पात्र मजदूरों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। सिऊरा राजभर बस्ती की महिलाओं की जान मात्र छह किग्रा आलू के लिए मजदूरी करने जाते वक्त हो गयी जबकि मनरेगा के तहत 120 रुपया मजदूरी का...
More »किसान ही बना सकता है ‘उत्तम प्रदेश’
इलाहाबाद में दो सप्ताह से तनाव है, यहां किसान आंदोलनरत हैं। वे नहीं चाहते कि उनकी खेती की जमीन औने-पौने दाम में लेकर उस पर ‘विकास’ किया जाए। ऐसी ही स्थिति बीते दो सालों के दौरान दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा आदि में देखने को मिली है। विकास के नाम पर खेत उजाड़ने पर किसान सड़कों पर उतरता है। देश के सबसे विस्तृत राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक केनवस...
More »बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
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