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क्यों छूट मिलते ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से दूर होना शुरू हो गए किसान ?

-गांव कनेक्शन, "इस साल मैंने एप्लीकेशन लगा कर बैंक को बता दिया कि हमें इंश्योरेन्स नहीं लेना है। किसानों को पता ही नहीं चलता है कि प्रीमियम का पैसा कहां गया! इससे सरकार का भी नुकसान होता है और अपना भी। इंश्योरेंस का भी कोई फायदा नहीं हो रहा है," ये बातें हमसे हरियाणा के अम्बाला में रहने वाले 48 वर्षीय किसान नरेश कुमार कहते हैं। अम्बाला के लखनौरा गांव में रहने...

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असम में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 92 लोगों की मौत, लगभग 36 लाख लोग प्रभावित

द वायर, असम में बुधवार को बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में सात और लोगों की मौत हो गई और 33 में से 26 जिलों के लगभग 36 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि मोरीगांव जिले में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि बरपेटा में दो, सोनितपुर और गोलाघाट जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. राज्य में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में...

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टिड्डे: दुनिया भर में फ़सल चट कर रहे झुंडों की बारीक़ी से पड़ताल

-बीबीसी, रेगिस्तानी टिड्डों के विशाल हुजूम पूर्वी अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व में क़हर बरपा रहे हैं. टिड्डों के विशाल झुंड से फ़सलों को ख़तरा है, लोगों की रोज़ी रोटी को ख़तरा है और खाने पीने की आपूर्ति को नुक़सान पहुंचने का डर है. दुनिया के एक बड़े हिस्से पर टिड्डों का ये हमला पिछले कई दशकों में सबसे बड़ा बताया जा रहा है. लेकिन, जानकारों ने चेतावनी दी है कि...

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मध्य प्रदेश: वादा करके भूली सरकार, किसानों को मूंग और उड़द में 1,500 से 3,000 रुपए प्रति कुंतल का घाटा

-गांव कनेक्शन, तीन जून को मध्य प्रदेश सरकार घोषणा करती है कि प्रदेश में मूंग और उड़द की सरकारी खरीद के लिए चार जून से 15 जून तक रजिस्ट्रेशन होगा। इस घोषणा को किये हुए एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन प्रदेश की मंडियों में एमएसपी पर (न्यूनतम समर्थन मूल्य) उड़द और मूंग की खरीद शुरू नहीं हो पायी है। इससे किसानों को प्रति कुंतल 1,500 से...

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किसानों से ज्यादा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले मोदी सरकार के हालिया कृषि अध्यादेश

-कारवां, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के टोला गांव के रामसेवक चार बीघे के किसान हैं. हाल ही में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर किए गए खेती से संबंधित पुराने कानून में संशोधन और दो नए कानूनों का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, "हम कानून-आनून नईं जानत, जो कछू जानत हैं, वो इत्तो कि हमाये खेत, हमाई मेहनत, हम का बोएं, का पैदा करें, कोऊ दूसरो कैसे बता सकत!" ठेका...

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