ब्रिटिश अर्थशास्त्री कैलडोर ने 1956 में यह बताया था कि भारत में काला धन सकल घरेलू उत्पाद का 4-5 प्रतिशत है. वांचू कमेटी के अनुसार 1970 में करीब सात प्रतिशत था. एक अध्ययन के अनुसार 1985 में यह जीडीपी का 18-20 प्रतिशत हो गया. एक अन्य अध्ययन के अनुसार 1995-96 में यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया था. 2005-6 में यह 50 प्रतिशत तक पहुंच गया....
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वित्तीय सेवाओं का उपयोग-- बिभाष
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने गत तीन अक्तूबर को सातवां वार्षिक फाइनेंशियल एक्सेस सर्वे-2016 (एफएएस-2016) जारी किया. यह सर्वे विभिन्न देशों में वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता तथा उनके उपयोग संबंधी आंकड़े जारी करता है. यह सर्वेक्षण समय-समय पर जी-20 देशों द्वारा तय किये गये वित्तीय समावेशन सूचकों (फाइनेंशियल इन्क्लूजन इंडिकेटर्स) के आधार पर किया जाता है. पिछली बार लॉस काबोस में 2012 के शिखर सम्मेलन में इन सूचकों को तय किया...
More »विकास भी चाहिए और रोजगार भी-- एन के सिंह
पिछला एक वर्ष भारत के लिए उथल-पुथल भरा रहा है। अपनी संप्रभुता, सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्रवाद की आक्रामक अभिव्यक्तियों से उसे जूझना पड़ा है। वहीं, इस क्षेत्र की भू-राजनीति अब भी अनिश्चित और अस्थिर बनी हुई है। चीन की विकास दर घट रही है, लिहाजा अपने आर्थिक रसूख को कायम रखने के लिए वह नए-नए तरीके अपना रहा है। दक्षिण चीन सागर विवाद पर ट्रिब्यूनल के फैसले को...
More »वित्तीय सुरक्षा में सेंध -- सतीश सिंह
बिना ग्राहक की गलती के एटीएम-डेबिट कार्ड के डेटा चुरा कर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का पहला मामला भारत में सामने आया है। अब तक उन्नीस बैंकों के एटीएम-डेबिट कार्ड के डेटा को चुराने बात कही गई है। एटीएम-डेबिट कार्ड के डेटा चोरी का मामला तब सुर्खियों में आया जब भारतीय स्टेट बैंक ने अपने छह लाख एटीएम-डेबिट कार्ड्स को ब्लॉक कर दिया। जिन बैंकों के एटीएम-डेबिट कार्ड के डेटा...
More »भूजल की फिक्र किसे है-- दीपक रस्तोगी
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर जियोसाइंस' का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का तकरीबन साठ फीसद भूजल प्रदूषित हो चुका है। उसका दावा है कि चार दक्षिण एशियाई देशों में फैले इस विशाल क्षेत्र का पानी न तो पीने योग्य बचा है और न ही सिंचाई योग्य। हालत यह है कि कहीं भूजल सीमा से अधिक खारा हो चुका है तो कहीं उसमें...
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