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‘अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन का और इंतज़ार नहीं होता, सफ़र की तारीख नहीं मिली तो पैदल ही चल देंगे’

-द वायर,  विभिन्न राज्यों में फंसे हुए मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई हैं, लेकिन इस सफर के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने में प्रवासी श्रमिकों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. हाल यह है कि रजिस्ट्रेशन करने के दस दिन बाद भी उनकी यात्रा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है. यही कारण है कि प्रवासी श्रमिक ट्रेन में बारी आने का इंतजार...

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प्रवासी मजदूर : नए दौर के नए अछूत

ग्रामीण क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करते समय मुझे बहुत से ऐसे प्रवासी मजदूर मिले हैं, जो अक्सर कहते हैं, “परेशान होकर हम शहरों में आए हैं। हम गांव में थोपी गई जाति व्यवस्था के कारण अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।” ऐसा नहीं है कि केवल गांव ही “महान भारतीय जाति व्यवस्था” का पालन करते हैं, लेकिन इस व्यवस्था से सबसे अधिक पीड़ित वे गरीब हैं जो जाति के सबसे निचले...

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लॉकडाउन की वजह से देश में प्रतिदिन हो रही 10 से ज्यादा मौतें, पैदल घर जा रहे मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा

-गांव कनेक्शन,  कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगाये गये देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से देश में प्रतिदिन 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। 51 दिनों में (14 मई तक) अब तक 516 लोगों की जान चुकी है। इसमें पैदल जा रहे मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है। पिछले तीन दिन में (14 से 16 मई के बीच) देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में...

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सुधारों में किसान कहां

-आउटलुक, “लॉकडाउन में एपीएमसी सुधारों के जरिए कॉरपोरेट को लाभ दिलाने जैसे एकतरफा फैसले किसानों के हक में कितने” इस समय देश की इकोनॉमी संकट में फंसी है। लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद रहा तब भी किसान पूरे जोर-शोर से अपने खेतों में काम में लगा हुआ था। इस दौरान किसानों को बाजार में बंदी और फसलों की सही खरीद नहीं होने से हजारों करोड़ रुपये का घाटा हुआ। सरकार को...

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लॉकडाउन: बंगाल के बंद जूट मिलों के मज़दूरों ने कहा, हालत ख़राब है, राशन-पानी ख़त्म हो रहा है

-द वायर, ‘लॉकडाउन के कारण जूट मिल (चटकल) बंद होने से बहुत-बहुत मुश्किल में हैं… क्या बताएं आपको… अगले 10-15 दिन में हम लोग भुखमरी के कगार पर जाने वाले हैं.’ 45 साल के कृष्णा दास जब फोन पर ये बातें कहते हैं, तो वह बार-बार ‘बहुत’ शब्द पर जोर देकर लॉकडाउन के दौरान सामने आईं कठिनाइयों की भयावहता को महसूस कराना चाहते हैं. कृष्णा दास पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना...

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