जैसे-जैसे बरसात के मौसम की शुरुआत हो रही है, टमाटर के भाव आसमान छूने लगे हैं. यही वजह है कि महज कुछ दिन पहले जो टमाटर 20 से 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वह अब 80 रुपये किलो से भी आगे पहुंच गया है. टमाटर की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ना शुरू कर दिया है. टमाटर की बढ़ती कीमतों के पीछे सब्जी विक्रेता बारिश को दोषी...
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सरकारी स्कूलों में अंगरेजी -- मृणाल पांडे
उत्तराखंड की सरकार अपने सभी 13 जिलों के 18,000 प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा का माध्यम हिंदी से बदल कर अंगरेजी करने जा रही है. तुरंत प्रभाव से यह प्रयोग पहले दर्जा एक से शुरू होगा और धीरे-धीरे इसे सभी कक्षाओं में लागू किया जायेगा. तर्क यह दिया गया है कि आज के भारत में दवा के नुस्खों से लेकर अदालती व वित्तीय कामकाज तक समझना अंगरेजी न जाननेवालों के लिए...
More »ओरमांझी : एक और किसान ने तंगी व बीमारी से परेशान होकर खाया जहर, अस्पताल में दम तोड़ा
ओरमांझी : राजधानी रांची में एक और किसान ने आत्महत्या कर ली. ओरमांझी थाना क्षेत्र के विजांग गांव का रहनेवाला राजदीप नायक (32) बीमारी और आर्थिक तंगी से परेशान था. इन्हीं परेशानियों से तंग आकर गुरुवार को उसने कीटनाशक खा लिया था. पहले से अार्थिक तंगी की मार झेल रहे परिजनों ने किसी तरह पैसों की व्यवस्था कर उसे इरबा स्थित मेदांता अस्पताल में भरती कराया था. पर डॉक्टर राजदीप...
More »क्या 'आर्थिक क्रांति' हो गयी है?-- रविभूषण
क्या सचमुच 1 जुलाई, 2017 से 'एक नये भारत का निर्माण' हो चुका है- 'आर्थिक भारत का निर्माण'? निश्चित रूप से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) आजादी के बाद देश की कर-व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि 17 कर और 26 उपकर समाप्त हो गये हैं, 36 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों वाले इस बड़े देश में अब एक कर और एक बाजार है. पर, जीएसटी लागू किये जाने...
More »अकथ कहानी खेत की-- राकेश दीवान
जून महीने के बीस दिनों में हुर्इं चालीस से अधिक किसानों की आत्महत्याओं का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य' पर केवल तुअर, मूंग और उड़द खरीदने और आठ रुपए किलो में प्याज खरीदने और फिर भंडारण की कमी के चलते सड़ाने की तजवीज भर नजर आई। आज भी किसानी ‘अन-स्किल्ड' यानी अकुशल श्रम भर मानी जाती है...
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