भोपाल. क्या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) वास्तव में 100 दिन की रोजगार गारंटी सुनिश्चित करता है? कम से कम प्रदेश में तो बिल्कुल नहीं। यह खुलासा राज्य योजना आयोग के एक ताजा अध्ययन से हुआ है। इस अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में केवल एक फीसदी परिवारों को ही पूरे 100 दिन का रोजगार नसीब हो पाया है। औसतन देखें तो एक साल में एक परिवार को 32 दिन...
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नरेगा के चार हजार करोड़ रुपये का जवाब नहीं सरकार के पास
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में इस साल प्रदेश ढाई करोड़ रुपए का ही खर्चा हुआ है। जबकि दो साल पहले इसी योजना में करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। अधिकारी कहते हैं कि नरेगा योजना में सख्ती करने के कारण अब जरूरतमंद लोगों को ही रोजगार मिल रहा है। अब सवाल...
More »7.16 लाख बेटियों को नसीब नहीं शिक्षा
जयपुर. राजस्थान में 6 से 14 साल की 7.16 लाख बेटियों को प्राथमिक शिक्षा नसीब नहीं हो पा रही। इनमें 4.14 लाख बच्चियां तो एक बार भी स्कूल नहीं गईं, जबकि 3,02479 बच्चियां पढ़ाई छोड़कर मजदूरी सहित अन्य काम करने को मजबूर हैं। प्रारंभिक शिक्षा परिषद के चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे (सीटीएस) की इसी सप्ताह जारी रिपोर्ट ने राज्य में बेहतर शिक्षा के दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। शिक्षाविदों ने बेटियों...
More »कोयले से मिटती है भूख
धनबाद. जिले में एक-दो नहीं लगभग पचास हजार ऐसे लोग हैं जिनके पेट की आग मालगाड़ियों से बुझती है। कोयले से लदी मालगाड़ियां से कोयला चोरी कर बेचना इनका मुख्य पेशा है। गंदा है,अवैध है, पर यही इनका धंधा इनकी रोजरोटी का माध्यम है। इनके लिए मनरेगा कोई मायने नहीं रखता। इनका साफ कहना है कि आठ घंटे काम करने पर के बाद भी न्यूनतम मजदूरी से मनरेगा में अधिक नहीं मिलता,...
More »आईआईटी कानपुर में मजदूरों का शोषण, हाईकोर्ट में याचिका दायर
आईआईटी कानपुर में श्रम कानूनों में व्यापक स्तर पर हो रही अनियमितताओं के विरोध में आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों के समूह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच में एक रिट पेटिशन दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आईआईटी कानपुर में भवन और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, मेस, सुरक्षा, मेंटेनेंस, सफाई कार्यों आदि में बड़ी भरी संख्या में संविदा मजदूर काम कर रहे हैं जिन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं...
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