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एग्रोकेमिकल उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ा भारत, औद्योगिक इकाइयों से होने वाले प्रदूषण पर सवाल बरकरार

मोंगाबे हिंदी, 5 अप्रैल सितंबर 2021 को देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक भाषण में कहा कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एग्रोकेमिकल उत्पादक देश है। देश की 15 क्रॉप साइंस (कृषि विज्ञान) कंपनियों के एक ग्रुप ‘क्रॉपलाइफ इंडिया’ की 41वीं वार्षिक मीटिंग में बोलते हुए तोमर ने कहा, “इस क्षमता को देखते हुए सरकार ने एग्रोकेमिकल सेक्टर को अपने उन 12 चैंपियन सेक्टरों में शामिल किया...

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गुजरात में ‘अतिरिक्त’ राशन कार्ड रद्द करने से सबसे अधिक आदिवासी प्रभावित होंगे: रिपोर्ट

द वायर , 5 अप्रैल गुजरात सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश पारित किया है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के बिना उठाया गया था. ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश 80,000 से अधिक आदिवासी परिवारों के पांच लाख से अधिक लोगों को उनके भोजन के मूल अधिकार से वंचित...

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भारत के राज्य मानवाधिकार आयोगों में दो में से क़रीब एक पद ख़ाली: रिपोर्ट

द वायर , 5 अप्रैल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तर्ज पर पूरे भारत में 25 राज्य मानवाधिकार आयोग स्थापित हैं. हालांकि, इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) 2022 इन राज्य आयोगों में मानव संसाधन की भारी कमी होने का विवरण देती है- इसमें बताया गया है कि ये आयोग उस काम को करने की स्थिति में नहीं है जो उन्हें सौंपा गया है. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत 1993 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग...

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भूजल संरक्षण : उत्तर भारत मे रोपाई धान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए सरकार

डाउन टू अर्थ, 5 अप्रैल जल ऊर्जा का भंडार, पोषक तथा जीवनदाता है। इसके बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं और साथ ही पीने योग्य जल धरती पर अत्यल्प मात्रा में उपलब्ध है। ऐसे में दुनियाभर में जल बचाने की कोशिशें जारी हैं। विश्व स्तर पर जन जागरूकता अभियान जारी है। जल संरक्षण एक नागरिक के तौर पर भी हमारा दायित्व है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए (7) के मुताबिक, हर व्यक्ति...

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बेरोजगारी दूर करने का दमखम है कृषि में

दैनिक ट्रिब्यून, 03 अप्रैल  कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह देश ने प्रवासी मजदूरों का घर-वापसी पलायन देखा, उसके बाद आई आवधिक श्रमिक बल सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि खेत मजदूरों की संख्या में 3 फीसदी का इजाफा हुआ है, यह गिनती वर्ष 2018-19 में 42.5 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 45.5 फीसदी हो गई। जिस कृषि क्षेत्र को इन तमाम सालों में जान-बूझकर दीन-हीन बनाकर रखा गया है, वह...

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