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युवाओं को रोजगार चाहिए, बेरोजगारी भत्ता नहीं

लखनऊ। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री कुंवर जितिन प्रसाद का कहना है कि युवाओं की तरक्की के बिना देश की तरक्की की बात नहीं सोची जा सकती। यह बात यूपीए सरकार महसूस करती है और इसलिए उसकी प्रतिबद्धता युवाओं की तरक्की के मार्ग प्रशस्त करने की है। सभी मंत्रालय युवाओं से जुड़ी योजनाएं बना रहे हैं। बकौल जितिन, युवाओं को रोजगार चाहिए, बेरोजगारी भत्ता नहीं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने 'राजीव गांधी ग्रामीण वितरक योजना' के जरिये...

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मनरेगा: 131 करोड़ में सृजित होंगे 70 लाख मानव दिवस

बदायूं। ग्रामीणों को गांव में ही काम मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में नये वित्तीय वर्ष के लिए 131 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। अधिकाधिक मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए इस साल 70 लाख मानव दिवस सृजित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। बेरोजगार ग्रामीणों को घर बैठे रोजगारों मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार यह महत्वाकांक्षी योजना चला रही है। इसके अच्छे...

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खाप पंचायतों का बढ़ता खौफ- सुभाष गताडे

नई दिल्ली [सुभाष गाताडे]। इंडियन नेशनल लोक दल के प्रधान ओम प्रकाश चौटाला और काग्रेस के युवा सासद नवीन जिंदल में क्या समानता ढूंढ़ी जा सकती है? अगर राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को देखें या उम्र का फासला देखें तो कुछ भी एक जैसा नहीं है। अलबत्ता खाप पंचायतों को लेकर दिए अपने ताजे बयान के बाद दोनों एक ही तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पिछले कुछ समय से खाप पंचायतों की तरफ से एक मुहिम...

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बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ

कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...

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कहीं विलुप्त ना हो जाए आदिवासी संस्कृति

नई दिल्ली। अरविंद जयतिलक संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट आफ द व‌र्ल्ड्स इंडीजीनस पीपुल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातिया पूरे विश्व में अपनी संपदा, संसाधन और जमीन से वंचित व विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के झारखंड राज्य की चर्चा करते हुए कहा गया है कि यहा चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारों परिवारों को आज...

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