जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : कृषि एवं पशुपालन मंत्री हरजीराम बुरड़क ने शनिवार को प्रतापगढ़ जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के असावता ग्राम में राज्य स्तरीय ''कृषि ज्ञान एवं आदान अभियान-2010'' का आगाज किया। बुरड़क प्रतापगढ़ पंचायत समिति के असावता स्थित नवक्रमोन्नत राजकीय माध्यमिक विद्यालय में ''कृषि ज्ञान एवं आदान अभियान'' का विधिवत् शुभारम्भ करने के पश्चात् आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कहा कि...
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प्रदेश भर में लगेंगे कृषि विज्ञान मेले
भोपाल। प्रदेश में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि विज्ञान मेले और प्रदर्शनी का आयोजन करने के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया जा रहा है। यह सभी मेले 6 जून से पूर्व आयोजित किए जाएंगे। इन मेलों में किसानों को एक ही समय में एक ही स्थान पर उन्नत कृषि तकनीकी एवं कृषि अदानों की उपलब्धता की जानकारी दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष के अनुसार इस बार...
More »भूखे बुंदेलों के हक पर अमीरों का डाका
उरई। बुंदेलखंड के बीहड़ में बसे गांवों के लोग भुखमरी के मुहाने पर खडे़ हैं। उरई जिले के नंदीगांव व रामपुरा ब्लाकों के दर्जनों गांवों के बाशिंदों के घरों में महीने में बमुश्किल 15 दिन ही चूल्हा जलता है और वह भी एक समय। ज्यादातर भूमिहीन और गरीबों के पास बीपीएल और अंत्योदय कार्ड तक नहीं हैं। पूरा भोजन ना मिलने से महिलाएं, पुरुष और बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। दलित बाहुल्य गांवों की हालत...
More »अपना दिवस मनाया
शिमला.सीटू राज्य कमेटी के आह्वान पर शनिवार को पूरे प्रदेश में मजदूर दिवस मनाया गया। सीटू के अनुसार पांवटा साहिब, परमाणु, दाड़लाघाट, मंडी, कुल्लू, चंबा, ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर, शिमला, रोहडू, रामपुर, किन्नौर आदि स्थानों पर मजदूरों ने भारी संख्या में पहुंच कर जनसभाएं और अपने हक में प्रदर्शन कर मजदूर दिवस मनाया। सीटू के राज्य अध्यक्ष जगत राम का कहना है कि देश की श्रम शक्ति का 90 प्रतिशत हिस्सा असंगठित क्षेत्र में कार्य करता...
More »भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन
भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
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