विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »SEARCH RESULT
पीपीपी से सावधान -योगेश दीवान
भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...
More »2020 तक 30 फीसदी बच्चे विवि से जुड़ेंगे
मुंबई। शिक्षा के क्षेत्र में साझेदारी पर बल देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने देश में 2020 तक 30 फीसदी छात्रों को विश्वविद्यालय स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। सिब्बल ने यहां भारत अमेरिकी सोसायटी द्वारा उच्च शिक्षा पर भारत-अमेरिका विषय पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि मौजूदा दर केवल 12.4 फीसदी है। फिलहाल देश में 500 विश्वविद्यालय...
More »समान अवसर आयोग के गठन पर उलझा मंत्री समूह
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। समाज के वंचितों को पढ़ाई व नौकरी में समुचित मौका देने के लिए कांग्रेस ने 2009 के अपनी चुनावी घोषणा पत्र में समान अवसर आयोग बनाने का एलान तो कर दिया, लेकिन उसे लेकर सरकार के भीतर शुरू खींचतान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। आलम यह है कि इस पर गठित मंत्रियों का समूह भी उलझकर रह गया है। दूसरी तरफ, संबंधित मंत्रालय...
More »मेडिकल शिक्षा पर आजाद ने बुलाई राज्यों की बैठक
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। स्वास्थ्य शिक्षा को ले कर जारी विवादों को देखते हुए अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने नौ जुलाई को राज्यों के साथ बैठक बुलाई है। इस बैठक में मेडिकल, डेंटल और स्वास्थ्य शिक्षा की दूसरी परिषदों को भंग कर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानव संसाधन परिषद [एनसीएचआरएच] गठन करने के प्रस्ताव पर राज्यों के साथ सीधी चर्चा होगी। साथ ही यहां राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआरएचएम] के क्रियान्वयन जैसे मुद्दे भी उठाए...
More »