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चुनावी बॉन्ड पर रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पार्टियों से मांगा दान करनेवालों का ब्यौरा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें चुनावी बांड के जरिए दिए जानेवाले चंदे पर रोक की मांग की गई थी। उच्चतम न्यायालय ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया कि वे दानदाताओं की पहचान और उनके खातों में मौजूद धनराशि का ब्यौरा 30 मई तक एक सील बंद लिफाफे में चुनाव पैनल को सौंप दें। कोर्ट का यह फैसला उस वक्त आया है जिसमें राजनीतिक...

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चिंता मतदाता के अधिकार की- कमलेश जैन

भारतीय गणतंत्र की विशाल जनसंख्या को, चुनावों के दौरान एक स्वच्छ, जनता की मर्जी से चुनी हुई सरकार बनाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने वर्षों से ऐसे फैसले दिए हैं, जो लगातार चुनाव प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बना रहे हैं। इसी शृंखला में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना ने निर्देश दिया है कि अब ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की ईमानदारी की जांच एक नहीं, बल्कि...

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अनसुनी रह जाती है जिनकी आवाज-- बद्रीनारायण

जनतंत्र में कुछ आवाजें हैं, जो ज्यादा सुनाई देती हैं। महानगर और शहर के बड़े तबके की आवाज तो जनतांत्रिक विमर्श में सुनी ही जाती है, कस्बों, राजमार्गों और मुख्य सड़कों के किनारे के गांवों की आवाज भी कई बार इसमें दर्ज हो जाती है। लेकिन जो अंतरे-कोने में पडे़ हैं, जो नदियों के किनारे के गांव हैं, जो दियारे में बसे गांव हैं, जो पहाड़ों की तलहटियों में और...

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फरवरी में फेसबुक पर भाजपा के प्रचार में ख़र्च हुए 2.37 करोड़ रुपये

नई दिल्ली: भारत में राजनीतिक विज्ञापन के लिए विज्ञापनदाताओं ने पिछले महीने चार करोड़ से अधिक रुपये फेसबुक पर खर्च किए. इनमें से आधे से अधिक विज्ञापन सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों ने दिए. यह आंकड़ा फेसबुक के ऐड आर्काइव रिपोर्ट से सामने आया है. भाजपा और उसके सहयोगियों ने फरवरी में फेसबुक पर 2.37 करोड़ रुपये खर्च किए. इस दौरान फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन के लिए क्षेत्रीय पार्टियों...

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स्वच्छ चुनाव के विभिन्न आयाम- अजीत रानाडे

हाल में सुप्रीम कोर्ट ने वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें ‘अपराधी' उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी थी. याचिकाकर्ता का तात्पर्य ऐसे उम्मीदवारों से था, जिन पर हत्या, हत्या की कोशिश, भयादोहन, बलात्कार, अपहरण या गबन के अभियोग लगे हैं, पर अभी उन्हें उक्त अपराध में दोषसिद्ध करार न दिया गया हो. चूंकि न्यायिक प्रक्रिया दशकों लंबी खिंच सकती है और जब तक...

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