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गिर रही थी मोदी 2.0 की साख, कोविड-19 के कारण मिली राहत की सांस

-द क्विंट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल मौन धूम धड़ाके के साथ पूरा हो रहा है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने इसकी मिश्रित कामयाबियों के दंभ को सीमित कर दिया है. कोरोना वायरस संकट से निपटने में सरकार ने जो अक्षमता, संवेदनहीनता और तानाशाही दिखाई है, और सरकारी उपेक्षा और अव्यवस्था के बीच लाखों की तादाद में अपने घर लौटते प्रवासी मजदूरों ने जो दर्दनाक पीड़ा झेली...

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पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?

-डाउन टू अर्थ,  डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। उन्होंने इस दौरान भयावह हकीकत को जाना और समझा। वे गांव की ओर जा रहे या पहुंच चुके प्रवासियों की पीड़ा जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे कभी अब शहर की ओर रुख करने की हिम्मत भविष्य में जुटा पाएंगे? उनके इस सफर को...

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कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पीएम को लिखा खत, मनरेगा के तहत खेतों में काम करने की अनुमति देने की मांग

-आउटलुक,  पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को एक विशेष मामले के तौर पर प्रवासी कामगारों की कमी के मद्देनजर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अधीन काम करने वाले कार्ड धारकों को पंजाब में रबी/खरीफ सीजन 2020-21 के दौरान दोनों फसलों के लिए खेतों में काम करने की अनुमति देने के लिए मांग की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि...

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आपदा को अवसर में बदलिये तो पक्का कीजिए कि उसका लाभ कुछ मुट्ठियों में ही बन्द न हो पाये

-द प्रिंट, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के पांचवें और अंतिम भाष्य से पहले नरेन्द्र मोदी सरकार के कट्टर आलोचकों को भी उम्मीद नहीं रही होगी कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों के नाम अपने संदेश में कोरोनावायरस की आपदा को अवसर में बदलने की जो बात कही है, उसका अर्थ यह है कि आपदा जब तक आपदा रहेगी, देशवासियों के नाम रहेगी और जैसे ही अवसर में बदलेगी, निजी क्षेत्र...

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‘मन की बात’ करने वाले ‘मनरेगा’ की बात क्यों करने लगे?

-न्यूजलॉन्ड्री, बात मनरेगा के बहाने सामाजिक सुरक्षा की, आखिर क्यों पूरी दुनिया में धुर पूंजीवाद की वकालत करने वाले शासक भी संकट के समय साम्यवादी हो जाते हैं. 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज के तहत एक बड़ा हिस्सा (40,000 करोड़ रुपए) वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने मनरेगा योजना में खर्च करने की घोषणा की है. यह हिस्सा केद्रीय बजट में घोषित मनरेगा फंड के अतिरिक्त होगा. खुद को बड़े गर्व से सोशली...

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