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किसान अब तिवरा की तरह मटर की भी कर सकेंगे उतेरा बोआई

रायपुर (निप्र)। किसान अब तिवरा, मसूर व अलसी की तरह मटर को भी उतेरा पद्धति से बो सकेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने मटर की एक नई किस्म विकसित की है, जिसे बोता के साथ उतेरा पद्धति से भी बोया जा सकता है। मटर की 'आरपीएफ 2009-1' नाम की इस वेराइटी में सामान्य मटर की तुलना में डेढ़ गुणा उत्पादन होगा। मटर की इस नई वेराइटी को...

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कोल्‍ड ड्रिंक्‍स में फ्रूट जूस मिलाने की मोदी की सलाह मार्स मिशन से बड़ी चुनौती: विशेषज्ञ

तुमकुर (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेप्‍सी, कोका कोला जैसी सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियों को कहा है कि वे अपने उत्पादों में 5 प्रतिशत फल का रस मिलाने की कोशिश करें, ताकि भारत में कठिनाई में पड़े किसानों को अपने उत्पादों के लिए एक नया बाजार मिल सके। हालांकि, एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि कोल्‍ड ड्रिंक्‍स के फॉर्मूले को बदलना नामुमकिन है। मोदी की इस योजना पर सॉफ्ट ड्रिंक्‍स इंडस्‍ट्री से...

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इको-फ्रेंडली सीमेंट से सस्ते में बनेंगे मकान, सीमेंट में लाइमस्टोन की जगह होगी मिट्टी

नई दिल्ली. कम निवेश में गांवों के कच्चे मकानों को पक्का करने के साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखने की दिशा में आईआईटी दिल्ली, मद्रास और मुंबई मिलकर इको-फ्रेंडली सीमेंट बना रहे हैं। जिसके निर्माण में कम कार्बन का उत्सर्जन होगा। दरअसल इस तकनीक को स्विस की एक संस्था ईपीएफएल ने इजाद किया है और क्यूबा में घरों के निर्माण इस इको-फ्रेंडली सीमेंट से हो रहे हैं। विश्व की सीमेंट...

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क्या गरीबी कभी खत्म हो सकती है?- लार्ड मेघनाद देसाई

लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...

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‘हिंदी प्रदेश’ की पहचान के मायने- शैबाल गुप्ता

शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...

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