श्रवण शर्मा, बालाघाट(मध्यप्रदेश)। अपने लिए तो सभी जीते हैं,पर इंसान वही जो औरों के लिए जिए। यह कहावत चरितार्थ कर रहे हैं देवटोला के अशोक बोहने। अशोक (49) ने मजदूरी कर शिक्षा हासिल की और अब वे गरीब बच्चों को शिक्षा का दान दे रहे हैं। पूरा जीवन इस काम के लिए समर्पित कर दिया। मुसीबतें भी बहुत आईं और इनके अपनों ने भी साथ छोड़ दिया, लेकिन अशोक ने पढ़ाना...
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सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज
नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
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नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
More »जहां आदिवासी छात्राएं ही नहीं, वहां बांट दिए मातृ प्रोत्साहन के 3.16 करोड़
दशरथ सिंह परिहार, गुना। आदिवासी छात्राओं को सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए प्रेरित करने पर उनकी माताओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी शिक्षा विभाग के घोटालेबाज अफसरों ने 3.16 करोड़ का घपला कर दिया। पूर्व जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी), पांच ब्लॉक स्रोत समन्वयक (बीआरसी) और हेडमास्टरों ने जिले के पांचों ब्लॉक में 150 स्कूलों की दस हजार 500 से अधिक छात्राओं को कागजों में आदिवासी बताकर पैसा...
More »मिटे इंडिया और भारत का अंतर-- विश्वनाथ सचदेव
किसान नेता शरद जोशी ने ही पहली बार ‘इंडिया' और ‘भारत' का नारा दिया था. यह नारा देकर उन्होंने शहरी भारत व ग्रामीण भारत के अंतर को उजागर किया और इस अंतर को मिटाने की जरूरत को भी रेखांकित किया. सार्वभौम, समाजवादी पंथ-निरपेक्ष जनतांत्रिक गणतंत्र की घोषणा करनेवाले आमुख के बाद हमारे संविधान की शुरुआत जिन शब्दों से होती है, वह है ‘इंडिया जो कि भारत है.' हमारे संविधान निर्माताओं ने...
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