हमारी धरती खुद बीमार चल रही है. यह बीमारी हर दिन गहराती जा रही है. इसकी कई वजहें हैं. ओजोन परत में छेद, आम्लिक वर्षा और आपदाएं भी घी में आग जैसा काम करती हैं. इन सभी कारणों के मूल में सबसे भयावह वैचारिक प्रदूषण है जो आदमी और धरती, खासकर प्रकृति व पर्यावरण के बीच स्थापित संबंधों में विकृति व कटुता पैदा करने में पीछे नहीं है. वस्तुत:...
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भूख में तनी हुई मुट्ठी का नाम...-- रविभूषण
धूमिल (9 नवंबर 1936-10 फरवरी 1975) ने लिखा था, 'भूख से रियाती हुई फैली हथेली का नाम दया है, और भूख में तनी मुट्ठी का नाम नक्सलबाड़ी है' (नक्सलबाड़ी कविता, संसद से सड़क तक, 1972 में संकलित). बाद में नागार्जुन ने अपनी एक कविता में यह सवाल किया, 'भुक्खड़ के हाथों में यह बंदूक कहां से आई?' भारतीय राजनीति पर फरवरी 1967 के लोकसभा चुनाव का रैडिकल प्रभाव पड़ा. पश्चिम...
More »अपने ही समझौते से भाग निकला अमेरिका-- चंद्रभूषण
जब डोनाल्ड ट्रंप पेरिस समझौते से बाहर निकलने के अपने फैसले का एलान कर रहे थे, तो वह असल में, अपनी उन्हीं जलवायु-विरोधी नीतियों को मूर्त रूप दे रहे थे, जिन्हें अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से वह प्रोत्साहित करते रहे हैं। इस वर्ष मार्च में ही उन्होंने जीवाश्म ईंधन के समर्थन में एक आदेश जारी किया था। यह आदेश न सिर्फ कोयला खनन को बढ़ावा देता है,...
More »किसान साधन-संपन्न, धान पर नहीं देंगे बोनस: मंत्री
बिलासपुर । सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि किसानों को बोनस नहीं देंगे। प्रदेश के किसान साधन संपन्न हैं। वैसे भी राज्य सरकार कई ऐसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को सीधा फायदा पहुंच रही है। जब उनको फायदा पहुंचाया जा रहा है तो बोनस की जरूरत ही कहां है। सहकारिता मंत्री श्री बघेल रविवार को छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। वे लोक सुराज अभियान में...
More »अनूठा स्कूल : सालाना फीस डेढ़ क्विंटल अनाज, दस किलो दाल
गोपाल माहेश्वरी, डही (धार)। सालभर की पढ़ाई और रहने-खाने का खर्च शहरों के आवासीय विद्यालयों में हजारों-लाखों रुपए में होता है, लेकिन धार जिले के डही कस्बे से 18 किमी दूर ककराना के राणी काजल जीवन शाला की बात अलग है। यहां आदिवासी मजदूरों के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। एक बच्चे की साल भर की पढ़ाई और रहने-खाने के बदले अभिभावकों को फीस के बदले डेढ़ क्विंटल अनाज और...
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