नदियों के तट पर सभ्यताएं तो विकसित होती ही हैं, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था वहां की नदी और उसमें उपलब्ध के उचित प्रबंधन पर ही निर्भर होती है. खासकर भारत जैसे देश में जब मॉनसून दगा दे जाये, तो नदियों और नहरों का पानी ही किसानों का सहारा होता है. प्रकृति ने भारत को विशाल नदियों की नेमत बख्शी है. इसमें बड़ी से छोटी नदियां तक शामिल हैं. कई...
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छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों से चावल की सप्लाई बंद
रायपुर। सूखे की आहट के बीच छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अनाज कारोबारियों ने सप्लाई बंद कर खुद ही चावल की खरीदी शुरू कर दी है। इसका कारण है कि अब चावल गोदामों से निकल नहीं रहा, किसान ने भी अपनी कोठी बंद कर रखी है। इसके कारण चावल बाजार ने महंगाई की राह पकड़ ली है। यहां के राइस मिलर्स और धान कारोबारी भी चिंतित हैं। छत्तीसगढ़ के...
More »सितंबर में 51% कम बारिश, आगे और बिगड़ सकते हैं हालात
नई दिल्ली। देशभर में लगातार बारिश की कमी बढ़ती है जा रही है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक सितंबर के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 51 फीसदी कम बारिश हुई है। इसकी वजह से एक जून से लेकर 10 सितंबर तक 664.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जो कि सामान्य के मुकाबले 15 फीसदी कम है। सामान्य तौर पर इस दौरान 782.2 मिलीमीटर बारिश होती है। आईएमडी ने...
More »सूखे की मार लगातार, 40 प्रतिशत से ज्यादा जिले सूखे की चपेट में
देश के 40 फीसदी से भी ज्यादा जिले इस साल सूखे की चपेट में हैं और आशंका जतायी जा रही है कि सूखे के हालात खाद्य-संकट की स्थिति पैदा कर सकते हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आकलन के मुताबिक कुल 640 जिलों में से 283 जिले सूखे की चपेट में है. इन जिलों में इस साल मौसमी बारिश की मात्रा में 20 से लेकर 90 प्रतिशत की कमी आई...
More »देश के 42 फीसदी हिस्से पर पड़ सकती है सूखे की मार
देश में इस बार मानसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 11 फीसदी कम हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार देश के कई इलाकों में सूखे की स्थिति है. अगस्त महीना खत्म होने जा रहा है और उत्तर भारत समेत दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्सों में मानसून की बारिश में कमी चिंताजनक स्तर पर है. बारिश की कमी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि...
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