नई दिल्ली [नितिन प्रधान]। बिजली उत्पादन में कमी के लिए जितनी केंद्र सरकार जिम्मेदार है, उससे कहीं ज्यादा राज्य जिम्मेदार हैं। साल दर साल राज्य बिजली उत्पादन की नई क्षमता जोड़ने में पीछे छूटते जा रहे हैं। इससे देश में बिजली की किल्लत बढ़ रही है। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में भी नई क्षमता जोड़ने के अपने लक्ष्य के महज 43 फीसदी तक पहुंचने में ही राज्य सफल हो पाए।...
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कहां कितना भ्रष्टाचार- आंकड़ों के आईने में...
क्या आप जानते हैं कि साल 2000 से 2009 के बीच महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के सर्वाधिक मामले (4566) और पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के सबसे कम मामले (केवल 9) दर्ज हुए। क्या आप यह भी जानना चाहते हैं कि गुजरे दस सालों में देश के अलग-अलग सूबों में भ्रष्टाचारियों से कितनी रकम वापस हासिल की गई। भ्रष्टाचार के मामलों पर विधिवत नजर रखनी हो तो कहां जायें। कैसे पता चले कि केंद्र और राज्यों में...
More »लोकपाल विधेयक- - आर-पार की लड़ाई
बीते महीने शिलांग में हुए सूचना के अधिकार के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि आरटीआई का कानून शासन में पारदर्शिता,जवाबदेही और जनता की भागीदारी की एक नई राह खोल रहा है। और अब ,नागरिक संगठनों द्वारा सरकारी लोकपाल बिल के विकल्प के रुप में जो मसौदा तैयार किया गया है उससे इस बात पर मुहर लग गई है। भ्रष्टाचार निरोधी जन लोकपाल बिल के नाम से...
More »देसी गीजर, न बिजली की जरूरत, न गैस का झंझट
जगराओं। यदि बिजली नहीं है, गैस सिलेंडर की भी किल्लत है, लेकिन आपको गर्म पानी की आवश्यकता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब नहाने से लेकर घरेलू कामकाज के लिए देसी गीजर आ गया है। गीजर को चलाने के लिए ना बिजली की जरूरत है और ना ही गैस सिलेंडर की। देसी गीजर मात्र एक -दो रुपये में पूरे तीस लीटर गर्म पानी तैयार कर सकता है, जो दिनभर गर्म...
More »किसानों ने खुद बदली अपनी किस्मत
भोपाल. योजनाएं चलाने में उनका इस्तेमाल करने वालों की भूमिका समाज को कैसे खुशहाल बना देती है,इसका उदाहरण हैं मान और जोबट सिंचाई परियोजनाएं। धार-झाबुआ जिले की इन दो परियोजनाओं के कमांड क्षेत्र में आने वाले किसानों की समझदारी और भागीदारी से 71 गांवों की तकदीर बदल गई है।इसके चलते इन गांवों में पक्के मकानों की तादाद में 14 फीसदी, बाइक संख्या में 16 और बैंक खातों में 35 प्रतिशत इजाफा हुआ है। वहीं...
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