जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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जानवरों से फसल क्षति पर मुआवजा
पटना जानवरों ने आपकी फसल को नुकसान पहुंचाया या उनके हमले में जान की क्षति हुई तो सरकार मुआवजा देगी। फसल नुकसान के लिए लागत या अधिकतम प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपये की दर से मुआवजा मिलेगा। मौत या स्थायी अपंगता की स्थिति में एक लाख रुपये का मुआवजा। मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। कैबिनेट ने...
More »महिला श्रमिकों की पीड़ा
नई दिल्ली [प्रदीप कुमार मील]। एक अनुमान के मुताबिक विश्व के कुल काम के घटों में से महिलाएं दो तिहाई घटे काम करती हैं, लेकिन वह केवल 10 फीसदी आय ही अर्जित करती हैं और विश्व की केवल एक फीसदी संपत्ति की ही मालकिन हैं। भारतीय संदर्भ में महिला श्रम या श्रम में महिलाओं की भागीदारी पर बात करते समय पिछले कुछ वर्षो में तीन विषेष तथ्य सामनें आतें...
More »पंजाब पुकारे, आ रे..आ रे..आ रे..
लुधियाना [अरविंद श्रीवास्तव/श्रीधर राजू]। बठिंडा रेलवे स्टेशन। रात साढ़े दस बजे का समय। अवध-असम एक्सप्रेस ट्रेन आकर रुकती है। स्टेशन पर पहले से तैयार जमींदार ट्रेन की ओर लपकते हैं। सिर पर बक्सा और हाथ में थैला लिए उतरते लोगों को वे घेर लेते हैं। कशमकश चलती है कि कौन कितने लोगों को पटाता है। यह नजारा इन दिनों पंजाब में हर स्टेशन पर शुरू हो गया है। ...
More »मुसीबत में हैं बुनकर, बचा लीजिए साहब
भागलपुर। साहब! यहां के बुनकर मुसीबत में हैं। उन्हें बचा लीजिए। काम नहीं मिलने के कारण कुछ बुनकर पलायन कर गए हैं। करीब 40 वर्षों से बिजली संकट झेल रहे हैं। यह आपबीती बुनकरों की है। जो उनके द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुनाई गई। रविवार को नाथनगर स्थित सीटीएस कर्णगढ़ के सभागार में आयोजित बुनकर पंचायत में बुनकरों ने एक-एक कर अपनी व्यथा सूबे के मुखिया को सुनाई। इरशाद अंसारी ने भावनात्मक...
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