खास बात • ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स(साल २०14) में भारत १७5 देशों के बीच ८५ वें पादान पर रखा गया था। साल 2010 के इंडेक्स में भारत फिसलकर 87 वें स्थान पर जा पहुंचा था।* • साल २००६-०७ में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों ने ८८३ करोड़ रुपये बुनियादी सेवाओं को हासिल करने के लिए घूस में चुकाये।** • साल २००६-०७ में भारत के सबसे गरीब...
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सूचना का अधिकार
[inside]आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने पर मार दिए गये बिहार के निवासियों पर एक रिपोर्ट आई है. जानिये रिपोर्ट की मुख्य बातें[/inside] पूरी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कृपया यहाँ क्लिक कीजिये. साल 2010 से लेकर अब तक, बिहार में आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने के कारण कुल 20 कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गवाई है. लगभग आधे कार्यकर्ताओं की हत्या पिछले 4 साल में हुई हैं. वर्ष 2018 में छह कार्यकर्ताओं की हत्या की...
More »घटती आमदनी
खास बात • दिहाड़ी मजदूरों सहित हर श्रेणी के कामगार के मेहनताने की बढोतरी दर साल 1983-1993 की तुलना में 1993-94 से 2004-05 के बीच घटी है। # • साल 1983 से 1993-94 के बीच रोजगार की बढ़ोतरी की दर 2.03 फीसदी थी जो साल 1993-94 से 2004-05 के बीच घटकर 1.85 हो गई। साल 1993-94 से 2004-05 के बीच कामगारों के मेहनताने की बढ़ोतरी दर और आमदनी में भी पिछले दशक...
More »सवाल सेहत का
खास बात • सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** • अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** • तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** • सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...
More »पलायन (माइग्रेशन)
खास बात • किसी प्रांत से उसी प्रांत में और किसी एक प्रांत से दूसरे प्रांत में पलायन करने वालों की संख्या पिछले एक दशक में ९ करोड़ ८० लाख तक जा पहुंची है। इसमें ६ करोड़ १० लाख लोगों ने ग्रामीण से ग्रामीण इलाकों में और ३ करोड़ ६० लाख लोगों ने गावों से शहरों की ओर पलायन किया। # • पिछले एक दशक को आधार मानकर अगर इस बात की गणना करें कि किसी वासस्थान को छोड़कर कितने लोग दूसरी जगह रहने...
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