जनसत्ता 30 सितंबर, 2013 : यह महज संयोग है कि जिस दिन यानी तेरह सितंबर को सोलह दिसंबर के सामूहिक बलात्कार कांड के चारों दोषियों को अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई जा रही थी, भाजपा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर रही थी। मोदी के राज में ही गुजरात का जनसंहार और हजारों महिलाओं और बालिकाओं की इज्जत से...
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सारा दोष सरकार का ही नहीं है - आकार पटेल
भारतीय अर्थव्यवस्था की समस्या क्या है? क्या हुआ, जो विकास दर मुंह के बल गिरी? अगर आप इस विषय पर कुछ पढ़ें, तो आप इनमें से किसी एक नतीजे पर पहुंचेंगे- हमारी संसद आर्थिक सुधारों के लिए जरूरी कानून बनाने में नाकाम रही, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह प्रशासन संभालने में नाकाम रहे, उच्च स्तर की नौकरशाही फाइलों को आगे बढ़ाने में अड़ियल रवैया अपनाती रही, भ्रष्टाचार, चालू खाते का घाटा, जो...
More »केंद्रीय परियोजनाओं को भूअधिग्रहण लॉ से बाहर करने का विरोध
विरोध प्रावधान का नये कानून के बाद जो आर्थिक बोझ बढ़ेगा उसका केंद्रीय परियोजनाओं पर असर नहीं किंतु एक साल के अंदर इन सभी परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण पूरा करना होगा इस समय सीमा के बाद इस क्षेत्र के परियोजनाओं पर भी नया कानून ही लागू होगा केंद्र की व्यवस्था, नए बिल का भार तुरंत न पड़े मध्य प्रदेश सरकार ने नये भूमि अधिग्रहण कानून के...
More »दो स्तर पर पंचायत ले सकती हैं टैक्स में हिस्सा
पंचायत निकाय राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कर वसूल सकते हैं, उन्हें दो स्तरों पर कर में भागीदारी भी मिलने की व्यवस्था है, जिससे वे अपने क्षेत्र के विकास कार्य करवा सकते हैं. पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों के लिए यह जरूरी है कि वे पंचायत निकायों के वित्तीय अधिकारों को भी जानें. ताकि अपने अधिकारों का ज्यादा कारगर ढंग से संरक्षण कर सकें. तो आइए जानें झारखंड पंचायती राज अधिनियम...
More »गए गुरुजी काम से- राहुल कोटियाल
गया वह ज़माना जब शिक्षक पढ़ाया करते थे. अब उन्हें छत्तीस सरकारी कामों के लिए नौकरी पर रखा जाता है. राहुल कोटियाल की रिपोर्ट. 'वर्तमान शिक्षा-पद्धति रास्ते में पड़ी हुई कुतिया है, जिसे कोई भी लात मार सकता है.’ यह टिप्पणी प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल ने अपने सबसे चर्चित उपन्यास 'राग दरबारी' में की थी. यह उपन्यास आज से लगभग पचास साल पहले लिखा गया था. यह वह दौर था जब...
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