सूचनाधिकार यानी आरटीआइ कानून को लागू हुए पिछले अक्तूबर में दस वर्ष हो गए। इतने साल बाद यह सवाल उठना लाजिमी है कि मौजूदा समय में कहां तक आरटीआइ सार्थक है। 16 अक्तूबर को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) द्वारा आयोजित दसवें वार्षिक सम्मेलन में गिने-चुने आरटीआइ कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया, जबकि इसमें आरटीआइ की दशा और दिशा पर चर्चा होनी थी। गौरतलब है कि इन दस सालों में सीआइसी को...
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रैन बसेरा को गिराकर बनाया स्टेट बैंक, बिरहोरों में आक्रोश
धरमजयगढ़/रायगढ़ (निप्र)। जनपद पंचायत ने बिरहोर समाज के लिए बने रैन बसेरा को गिराकर बैंक के लिए भवन बना दिया है। उस भवन में बिरहोर अपनी बैठकें करते थे व दूर से आने और रात हो जाने पर वहीं विश्राम करते थे। अब प्रशासन इस बारे में सफाई भी नहीं दे पा रहा है। वहीं आदिवासी विकास परियोजना ने जनपद पंचायत को वैकल्पिक नया भवन देने के लिए निर्देशित किया...
More »पेंशन, छात्रवृत्ति, वर्दी, साइकल की राशि बैंकों में जमा नहीं होगी, सीधे सरकार देगी
भोपाल। राज्य सरकार अब पेंशन की राशि से लेकर छात्रवृत्ति, वर्दी और साइकल की राशि बैंकों के माध्यम से देने के बजाय सीधे हितग्राही को देगी। इसके लिए सभी विभागों से सात दिन में योजना बनाकर मांगी गई है। राज्य मंत्रालय में कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार अभी पेंशनभोगियों, स्टूडेंट, कर्मचारियों के बैंक खातों में विभिन्न योजनाओं में मिलने वाली सुविधाओं की राशि जमा करती है।...
More »57 साल में 225 गुना बढ़ी सैलरी..- धर्मेन्द्रपाल सिंह
करीब पौने दो साल की मशक्कत के बाद केंद्र द्वारा गठित सातवें वेतन आयोग ने जो रिपोर्ट सौंपी है उससे भारत सरकार के सैंतालीस लाख कर्मचारियों और बावन लाख पेंशनभोगियों को सीधे-सीधे लाभ पहुंचेगा। परंपरा के अनुसार मामूली कतर-ब्योंत के बाद देश भर की राज्य सरकारें, स्वायत्तशासी संस्थान और सरकारी नियंत्रण वाली फर्म भी वेतन आयोग को अपना लेती हैं। इस हिसाब से इसका असर संगठित क्षेत्र के दो करोड़...
More »अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा खतरा है भीतर से
वाशिंगटन। भारत ने चीन में सुस्ती के बावजूद ग्लोबल अर्थव्यवस्था में स्थिति मजबूत की। लेकिन, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा देश के भीतर से पैदा हो सकता है। एक मशहूर इंवेस्टमेंट रणनीतिकार ने ऐसी आशंका जताई है। चार्ल्स श्वाब के चीफ ग्लोबल इंवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट व सीनियर वाइस प्रेसीडेंट जेफरी क्लेनटॉप का कहना है कि भारत में बहुदलीय व्यवस्था है। यदि सत्तारूढ़ दल से आगे सत्ता जाती है तो...
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