वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...
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दूसरे राज्यों का धान रोकने में लोगों की मदद लेगी सरकार
रायपुर. उड़ीसा, झारखंड समेत अन्य राज्यों से धान लाकर राज्य में समर्थन मूल्य पर बेचने वाले तस्करों पर सख्ती की तैयारी है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने धान तस्करों को पकड़ने में मदद करने वाले लोगों को इनाम देने को कहा है। धान तस्करों के वाहनों को राजसात कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सोमवार को राज्य में चल रही विकास योजनाओं, कानून-व्यवस्था को लेकर राज्यभर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों की बैठक...
More »महाघोटाले की 'जमीन'- शिरीष खरे(तहलका)
किस तरह जयपुर में 1500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को प्रशासनिक अधिकारियों और बड़े रसूख वालों की आवासीय कॉलोनी में बदलने के लिए एक नहीं बल्कि दर्जनों नियम तोड़े गए. शिरीष खरे की रिपोर्ट जयपुर के पॉश इलाके से गुजरते हुए शहर को जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है जेएलएन मार्ग. यहां जमीनों के भाव आसमान छूते हैं. यहीं गुलाबी शहर के सबसे कीमती इलाके जवाहर सर्किल से सटी है...
More »सात अरब हुई आबादी: संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी- नहीं चेते तो भविष्य की नस्लें गरीबी, भुखमरी, हिं?
नई दिल्ली. दुनिया की आबादी 700 करोड़ यानी सात अरब हो गई है। यह इतनी बड़ी संख्या है कि अगर कोई बोल कर एक से 700 अरब तक की गिनती करे तो उसे 200 साल लग जाएंगे। 7 अरब कदमों से करीब 150 बार धरती की परिक्रमा की जा सकती है। तो, यह संख्या जितनी बड़ी है, उतनी ही गंभीर चुनौती दुनिया के लोगों के सामने भी आने वाली है। आज...
More »मुद्दा: गरीब की नई परिभाषा
गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
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