नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी) मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए ‘बड़ा आंदोलन’ छेड़ने की धमकी देते हुए गांधीवादी समाज सेवक अन्ना हजारे ने आज कहा कि अगर सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून नहीं बनाती तो उसे जाना होगा। अन्ना ने कहा कि वह वर्ष 2014 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों तक मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन करेंगे और अगर तब तक कानून नहीं बनाया...
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प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी
अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
More »नमस्कार-चमत्कार और प्रणाम...- गोपालकृष्ण गांधी
बात खादी-परंपरा से जुड़ी राजनीति की ही नहीं। हर दल की विश्वसनीयता ने क्षति देखी है। डॉ. लोहिया को कौन समाजवादी आज याद नहीं करता? अटलजी की आवाज सुनने आज कौन भाजपा समर्थक आतुर नहीं? एमना पागे लाग, गोपू (इनको प्रणाम कर, गोपू।) घर में जब कोई बुजुर्ग तशरीफ लाते तो पिताजी मुझे गुजराती में यह हिदायत देते। हिदायत क्या, आदेश ही समझिए। वह आदेश बहुत सुहावना होता था, क्यूंकि...
More »प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी
अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
More »सबसे बड़ी चाय दुकान की ताकत- एम जे अकबर
अगर इंटरनेट की सेंसरशिप तकनीकी पहलू से अधिक कुछ नहीं है, तोयह पहले ही हो गया होता. एक लोकतांत्रिक सरकार को गद्दाफ़ी या चीनी कम्युनिस्टपार्टी की तरह मनमानी करने का अधिकार नहीं होता है. ऐसे में इसके लिए अव्यावहारिक तर्को का प्रयोग करना पड़ता है. लेकिन भारत सरकार को यह जल्द ही पता लग जायेगा कि इंटरनेट की आवाज कोआसानी से नहीं दबायाजा सकता है. प्रवक्ता अपनी नहीं आकाओं की भाषा बोलते...
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