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महाराष्ट्रः बेमौसम बारिश और अधिक गर्मी ने खराब की अल्फांसो आम की फसल, बढ़ी कीमत

मोंगाबे हिंदी, 21 जून बेमौसम बारिश और तापमान में अचानक हुई बढ़ोतरी ने महाराष्ट्र में अल्फांसो आम की पैदावार को कम कर दिया है। इस वजह से पिछले साल की तुलना में इन आमों की कीमत लगभग दोगुनी हो गई। इस साल अप्रैल में यह फल पुणे की सरकारी मंडी (APMC/एपीएमसी) मे 700 से 1000 रुपये प्रति दर्जन बिका। वहीं पिछले साल एक दर्जन की कीमत 500 से 700 रुपए थी।  अल्फांसो (मैंगीफेरा...

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नई रिपोर्ट में वैश्विक तापमान बढ़ने की आशंका, भारत में लू बनेगी घातक

मोंगाबे हिंदी, 19 जून संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट ने आशंका जताई है कि अगले पांच साल अब तक के सबसे गर्म हो सकते हैं। इस दौरान वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर सकती है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने ये अपडेट जारी किया है। इसमें अल-नीनो के असर पर भी चर्चा की गई है। अपडेट में कहा गया है कि गर्मी बढ़ाने वाली...

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हर दस साल में 0.2 डिग्री सेल्सियस की रिकॉर्ड दर से गर्म हो रही है दुनिया, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

डाउन टू अर्थ, 12 जून ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बढ़ते स्तर ने तापमान को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब दुनिया के 50 शीर्ष वैज्ञानिकों ने बढ़ते तापमान से जलवायु विज्ञान पर पड़ने वाले असर को लेकर चेतावनी दी है। अध्ययन के मुताबिक 2013 से 2022 तक मानवजनित तापमान प्रति दशक 0.2 डिग्री सेल्सियस से अधिक की दर से बढ़ रहा है। इसी अवधि में कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) का औसत वार्षिक...

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साल 2000 से बिगड़ रहे हैं महाराष्ट्र के सात जिलों में हालात, सूखे की वजह से घट रही फसलों की पैदावार

डाउन टू अर्थ, 30 मई एक नए अध्ययन में चेतावनी दी है कि मानवजनित कारणों से भारत के कई हिस्सों में सूखा पड़ सकता हैं। बढ़ते सूखे की वजह से भारत के खासकर, महाराष्ट्र राज्य के अर्ध-शुष्क क्षेत्र में कृषि उपज पर बुरा असर पड़ेगा। अध्ययन में, उत्पादकता को प्रभावित करने वाले कारणों की पीछे घटते जल स्तर, बढ़ते तापमान और बदलते फसल पैटर्न का हवाला दिया गया है। ऐतिहासिक रूप में...

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राज्य वित्त आयोग की खराब हालत का विकेंद्रीकरण प्रक्रिया पर असर

मोंगाबे हिंदी, 30 मई  ठीक 30 साल पहले भारत ने शासन का विकेंद्रीकरण करना शुरू किया और संविधान में संशोधनों के जरिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों को सशक्त बनाया गया। इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, राज्यों के लिए राज्य वित्त आयोग गठन करने का एक आदेश भी जारी किया गया था। आयोग का काम हर पांच साल में स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करना...

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