SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 615

कॉप-27: सदी के अंत तक भारत के औसत तापमान में हो सकती 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि

डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर हाल ही में जारी अनुमानों से पता चला है कि सदी के अंत तक भारत के वार्षिक औसत तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और जलवायु परिवर्तन की वास्तविक कीमत का आंकलन कर रहे शोध संस्थान क्लाइमेट इम्पैक्ट लैब द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है। इस बारे में जारी नए आंकड़ों से पता चला है...

More »

पुरानी पवन चक्कियों की क्षमता बढ़ाने की नई नीति से कैसे बदलेगा ऊर्जा क्षेत्र

मोंगाबे हिंदी, 3 नवम्बर भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में पवन ऊर्जा को देश में बढ़ावा देने के लिए एक ड्राफ्ट नीति जारी की है। इस नीति का उदेश्य देश में पुरानी और कम क्षमता वाली पवन चक्कियों को आधुनिक और ज्यादा क्षमता वाली पवन चक्कियों से बदलने का है। भारतीय पवन ऊर्जा संस्थान (एनआईडबल्यूई) का एक आकलन कहता है कि देश में पवन ऊर्जा की...

More »

बढ़ते तापमान से भारत को जीडीपी में 5.4% का नुकसान

कार्बनकॉपी, 29 अक्टूबर बढ़ते तापमान के कारण भारत तथा अन्य G20 देशों को सभी क्षेत्रों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से उत्पन्न ऊर्जा संकट के पहले ही, G20 सरकारों ने 2021 में जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर 64 बिलियन डॉलर खर्च किए थे।  विभिन्न देशों के कई संगठनों की साझेदारी द्वारा तैयार की गई जलवायु पारदर्शिता रिपोर्ट (क्लाइमेट...

More »

भारत के अक्षय-ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने में छोटी पवन चक्कियां कितनी उपयोगी हैं?

 मोंगाबे हिंदी, 20 अक्टूबर चेन्नई के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सेंथिल कुमार ने हाल ही में दक्षिणी तमिलनाडु में मदुरै के पास अपने गृहनगर सुंदरपंडियम के दौरे पर पहली बार बिजली कटौती के कारण होने वाली परेशानियों को अनुभव किया। उन्होंने परेशानियों को याद करते हुए बताया, “मुझे पता था कि मेरे माता-पिता बिजली कटौती का सामना कर रहे थे। लेकिन जब मैं वहाँ गया तो मुझे एहसास हुआ कि यह कितना...

More »

क्या बायो-सीएनजी बन सकता है भारत के नवीन ऊर्जा के भविष्य का एक प्रभावशाली विकल्प?

मोंगाबे हिंदी, 17 अक्टूबर इस साल अगस्त के महीने में पंजाब सरकार ने घोषणा की कि राज्य में संपीडित (कंप्रेस्ड) बायोगैस (सीबीजी) का व्यावसायिक उत्पादन संगरूर के भुट्टन कलन नाम के गांव से बड़े पैमाने में शुरू हो गया है। प्रतिदिन 33.23 टन की उत्पादन क्षमता वाले इस प्लांट को एशिया में सीबीजी का सबसे बड़ा प्लांट बताया जा रहा है। इसी के साथ पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (PEDA) ने 42...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close