-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश में 2017 में सांप्रदायिक रूप से एक बहुत ही बंटे हुए चुनावी अभियान के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मैदान में उतरे तो हालात की उत्तेजना और बढ़ गई. एक सार्वजनिक मंच से उन्होंने राज्य सरकार पर - जो एक विपक्षी दल के हाथ में थी - आरोप लगाया कि वह श्मशानों की तुलना में कब्रिस्तानों पर अधिक खर्च करके मुसलमानों को खुश कर रही है....
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गांवों में गहराता कोरोना संकट: उत्तर प्रदेश में 97409 राजस्व गांवों में जांच के लिए अभियान
-डाउन टू अर्थ, उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद स्थिति अभी तक बेकाबू है। जारी लॉकडाउन के बीच पंचायत चुनाव परिणाम के बाद जगह-जगह लोग जीत का जश्न मना रहे हैं। वहीं, अब भी कई ग्रामीण सीटों के परिणाम आना बाकी हैं, जिसका पटाक्षेप 4 मई को होगा। प्रदेश में लागू आंशिक लॉकडाउन न तो प्रभावी है और न ही गांवों में भीड़ की स्थिति सुधर रही...
More »हिंदुओं को आँकड़ों में बदलने का षड्यंत्र क्या है? क्यों है?
-सत्यहिंदी, हिंदुओं को आँकड़ों में बदल कर या उन्हें मात्र एक जनसंख्यात्मक समूह की इकाई में शेष करके उन्हें व्यक्ति के तौर पर किसी अधिकार की इच्छा से वंचित किया जा रहा है। जब कोई मुख्यमंत्री कहता है कि आँकड़ों का खेल न खेलें, इससे मुर्दा ज़िंदा नहीं हो जाएँगे तो वह क्या कहना चाहता है? क्यों मारे जा रहे लोग गिनती में नहीं लिए जा रहे हैं? आप मुझे किसी...
More »मई दिवस- मोदी सरकार ने कैसे भारत को एक भयानक संकट के बीच लाकर खड़ा कर दिया
-द प्रिंट, 1 मई को प्रकाशित इस स्तंभ का शीर्षक बिल्कुल संयोग से ऐसा बन गया है. यहां शब्दों का कोई खेल करने का इरादा नहीं है. बदकिस्मती से भारत आज जिस संकट में फंस गया है उसका बयान इसी तरह किया जा सकता है. वह ऑक्सीजन से लेकर एन-95 मास्क तक और ऑक्सीमीटर से लेकर वैक्सीन तक तमाम चीजों के लिए बड़े देशों से मदद मांग रहा है. और ये...
More »कोरोना के क़हर में जीवन और मौत के बीच का पुल बना सोशल मीडिया
-बीबीसी, कोरोना की दूसरी लहर के रूप में भारत में मची तबाही से हर रोज़ देश में तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. अपने परिजनों तक मदद पहुँचाने के लिए लोग बड़ी बेचैनी से सोशल मीडिया की सहायता ले रहे हैं. अपने बीमार परिजन को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन, रेमेडिसविर और प्लाज़्मा दिलाने के लिए लोग सोशल मीडिया का जमकर उपयोग कर रहे हैं. ऐसे वक़्त में ये...
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