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खुदरा महंगाई दर जनवरी में घट कर 3.17 प्रतिशत

नयी दिल्ली : नोटबंदी के असर और खाद्य वस्तुओं के सस्ता होने से जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति घट कर पिछले तीन साल से भी अधिक समय के न्यूनतम स्तर 3.17 प्रतिशत पर रही. खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर एक महीना पहले दिसंबर में 3.41 प्रतिशत और एक साल पहले जनवरी 2016 में 5.69 प्रतिशत थी. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी...

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दोहरे प्रयासों से तेज होगा विकास - डॉ जयंतीलाल भंडारी

बीते सोमवार को जीएसटी कौंसिल की बैठक के बाद आगामी एक जुलाई से इस एकीकृत परोक्ष कर प्रणाली को लागू करने की बात कही गई है। चूंकि नोटबंदी के बाद सरकार देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की ओर अग्रसर है, ऐसे में एक जुलाई से जीएसटी की शुरुआत मददगार होगी। साथ ही जीएसटी की तिथि व दरें सुनिश्चित हो जाने के कारण आगामी बजट में अप्रत्यक्ष कर का अनुमान...

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गलती बैंकरों की नहीं, सिस्टम की है-- आर सुकुमार

भारतीय बैंकर इन दिनों खुश नहीं हैं। खासतौर पर वे, जो इस उद्योग में दबदबा रखने वाले राष्ट्रीयकृत बैंकों में काम करते हैं। बीते आठ नवंबर के बाद से, जब से प्रधानमंत्री ने पुराने बड़े नोटों को चलन से बाहर करके उसकी जगह नए नोट लाने की घोषणा की है, बैंकरों पर काम का बोझ बढ़ गया है। कभी-कभी तो उन्होंने सप्ताहांत में भी काम किया। उनका पाला न सिर्फ...

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नोटबंदी : महाराष्ट्र के खुदरा विक्रेताओं ने की लेवी करों में राहत की मांग

महाराष्ट्र, आईएएनएस। नोटबंदी के बाद व्यापार क्षेत्र में आई गिरावट से चिंतित महाराष्ट्र के खुदरा विक्रेताओं ने लेवी करो में राहत की मांग की है। रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन (FRTWA) के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष वीरेन शाह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उन्हें 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगने के बाद मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि नकदी की कमी...

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नोटबंदी के साइड इफेक्टस् : सबसे ज्यादा चोट किसपर ?

विमुद्रीकरण से मची अफरा-तफरी के बीच क्या देश इस हालत में है कि रोजमर्रा की चीजों की खरीद के लिए सरकारी घोषणाओं के मुताबिक बैंकों और एटीएम से नगदी जुटा सके ?   सरकारी घोषणाओं में देशवासियों से कहा गया है कि वे नगदी की तात्कालिक कमी से होने वाली असुविधा के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, मोबाइल और इलेक्ट्रानिक वैलेट का इस्तेमाल करें. लेकिन क्या देश कैशलेस इकॉनॉमी की तरफ कदम...

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