बापू, आपको यह चिठ्ठी मैं आपके जन्मदिन पर आपके ही आश्रम से लिख रहा हूं. 100 साल पहले चंपारण सत्याग्रह के केंद्र के रूप में आपने भीतरवाह में यह केंद्र बनाया था. आश्रम की इमारत अब भी कायम है. अब भी उसे कंक्रीट और संगमरमर से ढका नहीं गया है. आश्रम की काया में आपकी सादगी आज भी झलकती है. चंपारण सत्याग्रह की याद में बना संग्रहालय दरिद्र, बेतरतीब और...
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छोटे उद्योगों पर प्रहार --- डॉ भरत झुनझुनवाला
सरकार ने नोटबंदी को कालेधन के सफाये के अस्त्र के रूप में पेश किया है, परंतु लगभग पूरा कालाधन बैंकों में जमा होकर ‘सफेद' हो गया है. न सिर्फ कालेधन को नष्ट करने का उद्देश्य पूरी तरह असफल रहा है, बल्कि कालाधन पुनः नये नोटों में पैदा हो चुका है. करोड़ों रुपये के नये नोट जब्त हो रहे हैं. नोटबंदी का असल प्रहार छोटे उद्योगों पर हुआ है. तमाम उद्योग...
More »महंगाई का नया दौर--- धर्मेन्द्रपाल सिंह
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने घोषणा कर दी कि चार सितंबर के बाद वे अपना पद छोड़ देंगे। उनके एलान से विदेशी निवेशक चिंतित हैं, उद्योग जगत में निराशा है और शेयर बाजार में घबराहट। राजन का कार्यकाल न बढ़े, इसके लिए कुछ लोगों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। देश का केंद्रीय बैंक (आरबीआइ) ही मौद्रिक नीति निर्धारित करता है और फिर उसके माध्यम से...
More »गन्ना किसानों का 6225 करोड़ बकाया, यूपी में सबसे अधिक 2428 करोड़
केंद्र सरकार के किसानों के चीनी मिलों पर बकाये के भुगतान के लिये बनाये गये दबाव के बाद गन्ना पेराई सत्र 2015-16 के 87 प्रतिशत बकाये राशि का भुगतान कर दिया है, इसके बावजूद 6225 करोड़ रुपये मिलों पर अब भी बकाया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार सत्र 2015-16 के कुल बकाये राशि में से 87 प्रतिशत का...
More »‘गाइड’ के दृश्य का दोहराव क्यों?- शेखर गुप्ता
यदि आपने देव आनंद की 1965 की क्लासिक फिल्म ‘गाइड' देखी हो तो टीवी स्क्रीन पर सूखे से प्रभावित क्षेत्रों खासतौर पर महाराष्ट्र के दृश्य अापको पहले देखे हुए से लगेंगे। फिल्म के अंतिम हिस्से में राजू गाइड सूखे से प्रभावित क्षेत्र के एक मंदिर में शरण लेता है। गांव वालों को लगता है कि वे कोई पहुंचे हुए स्वामीजी हैं और ग्रामीण उसे तब तक उपवास करने पर मजबूर...
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