आज के भारत भाग्य विधाता मानें या नहीं, अन्न उत्पादन के मामले में भारत का आत्मनिर्भर बन जाना, बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं और हमारी राष्ट्रीय उपलब्धियों में से है. लेकिन, कम लोगों को याद होगा कि हरित क्रांति के जनक नॉर्मन बोरलॉग ने नोबेल पुरस्कार ग्रहण करते वक्त भाषण में दो बातें कही थीं. पहला, हरित क्रांति अमरता की बूंदें पी कर नहीं आयी. इसका भी किसी दिन...
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अर्थशास्त्रियों-समाजशास्त्रियों ने नीति आयोग को कटघरे में खड़ा किया, PM मोदी से की सीइओ को हटाने की मांग
पटना : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा बिहार के कारण देश को पिछड़ा बताये जाने पर राज्य के अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. बिहार निवासी समाजशात्री-अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीति आयोग के सीईओ को तत्काल हटाये जाने की मांग की है. मालूम हो कि मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा था, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़,...
More »साकार होता ग्राम-स्वराज का सपना - नरेंद्र सिंह तोमर
पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...
More »बस्तर : गांवों से मूलभूत सुविधाएं दूर, लेकिन शिक्षा से बदलेगी तस्वीर
मोहम्मद इमरान खान, बस्तर। प्रदेश के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग के विकास के लिए प्रदेश से लेकर दिल्ली तक की सरकार योजनाएं बनाकर अधोसंरचना विकास और मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने पर काम कर रही है। इस संभाग का नारायणपुर जिला ऐसा है, जहां मुख्यालय तक विकास सिमटकर रह गया है। घोषणाएं तो जिले के दूसरे गांवों के लिए भी हुईं, लेकिन आज तक ग्रामीण विकास की राह ताक रहे हैं।...
More »इस साल 80,000 करोड़ रुपये का दीर्घावधि ऋण देगा नाबार्ड
मुंबई : राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की चालू वित्त वर्ष में अपने दीर्घावधि ऋण या पुनर्वित्त पोर्टफोलियो को 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने की योजना है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए विकास वित्त संस्थान दीर्घावधि ऋण बढ़ाना चाहता है. वित्त वर्ष 2017-18 में नाबार्ड ने 65,000 करोड़ रुपये का दीर्घावधि का ऋण दिया था. मार्च, 2018 में समाप्त वित्त वर्ष में नाबार्ड ने 2,951 करोड़ रुपये का...
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