देश के करीब 75 फीसदी परिवार कृषि क्षेत्र पर निर्भर हैं. देश की लगभग 70 प्रतिशत गरीब आबादी (विश्व बैंक के मुताबिक 77 करोड़ लोग) गांव में बसती है. लेकिन देश के जीडीपी में कृषि का हिस्सा लगातार गिरता जा रहा है. 50 के दशक में कृषि की हिस्सेदारी हमारी जीडीपी में 50 फीसदी से ज्यादा थी, 90 के दशक में यह 20 से 30 फीसदी रह गया और 2013-14...
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चार साल के निचले स्तर पर चीनी की कीमतें,बढ़ी इंडस्ट्री की दिक्कतें
देश में चीनी की कीमतें करीब चार साल के निचले स्तर पर हैं। पश्चिम बाजार (महाराष्ट्र) में चीनी S 30 क्वालिटी के भाव 2350 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं, जो पिछले कई वर्षों का निचला स्तर है। चीनी की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण मिलों पर गन्ना किसानों के भुगतान का दबाव है। साथ ही इस साल भी चीनी का उत्पादन मांग से ज्यादा होने की संभावना...
More »भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर से अमेरिकी कंपनियों को मिलेगी पावर
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा को भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर के लिए भले ही एक अहम कारोबारी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ अमेरिका की सोलर एनर्जी कंपनियों को मिलेगा। अमेरिकी ट्रेड एंड डेवलपमेंट एजेंसी भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर में दो अरब डॉलर के निवेश की घोषणा कर चुकी है। इससे जहां मोदी सरकार की चौबीसो घंटे बिजली...
More »कर्ज लेकर घी पीने से नहीं बनेगी बात - डॉ. भरत झुनझुनवाला
चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। हमने चीन से 54 अरब डॉलर के आयात किए, जबकि निर्यात मात्र 17 अरब डॉलर के किए। इस घाटे को पाटने के लिए सरकार ने चीन से आग्रह किया है कि वह भारत में विदेशी निवेश बढ़ाए। गत वर्ष शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान चीन ने गुजरात तथा महाराष्ट्र में औद्योगिक क्षेत्रों, हाईस्पीड ट्रेनों तथा दिल्ली-चेन्न्ई कॉरिडोर...
More »विश्व राजनीति के दावं-पेच में चित हुआ कच्चा तेल
प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...
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